Move to Jagran APP

Kedar Singh Jindan Murder Case : हिमाचल हाईकोर्ट के अधिवक्ता एवं आरटीआइ कार्यकर्ता केदार सिंह जिंदान की हत्या के दो दोषियों को आजीवन कैद व तीसरे को कठोर कारावास

Kedar Singh Jindan Murder Case जिला सिरमौर की विशेष अदालत के न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने प्रदेश हाईकोर्ट में अधिवक्ता रहे आरटीआइ कार्यकर्ता केदार सिंह जिंदान की हत्या के दो दोषियों को आजीवन कारावास व एक को कठोर कारावास तथा जुर्माने की सजा सुनाई है।

By Virender KumarEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 06:50 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 06:50 PM (IST)
Kedar Singh Jindan Murder Case : हिमाचल हाईकोर्ट के अधिवक्ता एवं आरटीआइ कार्यकर्ता केदार सिंह जिंदान की हत्या के दो दोषियों को आजीवन कैद व तीसरे को कठोर कारावास
हिमाचल हाईकोर्ट के अधिवक्ता केदार सिंह जिंदान की हत्या के दो दोषियों को आजीवन कैद व तीसरे को कठोर कारावास!

नाहन, राजन पुंडीर।

loksabha election banner

Kedar Singh Jindan Murder Case, जिला सिरमौर की विशेष अदालत के न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने प्रदेश हाईकोर्ट में अधिवक्ता रहे, आरटीआइ कार्यकर्ता केदार सिंह जिंदान की हत्या के दो दोषियों को आजीवन कारावास व एक को कठोर कारावास तथा जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला न्यायवादी बीएन शांडिल ने बताया कि केदार ङ्क्षसह जिंदान की हत्या के दोषी जयप्रकाश को आइपीसी 302 तथा एससी एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास तथा एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा तथा धारा 201 के तहत पांच वर्ष का कारावास तथा 25000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक वर्ष का कारावास भुगतना होगा।

हत्या के दूसरे दोषी गोपाल ङ्क्षसह को आइपीसी धारा 302 तथा एससी एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा, जबकि धारा 201 के तहत पांच वर्ष का कारावास तथा 25000 रुपये जुर्माना भुगतना होगा। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

तीसरे दोषी कर्म ङ्क्षसह को आइपीसी धारा 323 के तहत एक वर्ष का कठोर कारावास तथा 1000 जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 325 के तहत तीन वर्ष का कारावास तथा 5000 रुपये जुर्माने की सजा होगी। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

बीएन शांडिल ने बताया कि सात सितंबर, 2018 को जब केदार ङ्क्षसह ङ्क्षजदान, रघुवीर ङ्क्षसह व जगदीश चंद्र बीआरसीसी आफिस शिलाई से बाहर निकले, तो तीनों आरोपित दफ्तर के बाहर खड़े हुए बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान आरोपित तत्कालीन उपप्रधान ग्राम पंचायत बकरास जयप्रकाश, कर्म ङ्क्षसह व गोपाल सड़क के नीचे खड़े थे। इससे पहले उन्होंने नैन ङ्क्षसह सीएसटी जब बैठक में बीपीओ कार्यालय जा रहा था। तो उस समय सड़क पर आरोपी गण जयप्रकाश, कर्म ङ्क्षसह व गोपाल गाड़ी एचपी 85 -7300 से सड़क पर उतर कर नैन ङ्क्षसह से मिले। उन्होंने नैन ङ्क्षसह से हाथ मिलाया और कहा कि अपने बेटे को केदार ङ्क्षसह ङ्क्षजदान के साथ क्यों भेजा है। इसी दौरान करीब 12.15 बजे केदार ङ्क्षसह, रघुवीर ङ्क्षसह व जगदीश बीआरसीसी कार्यालय से बाहर निकले तो सड़क पर मौजूद आरोपित जयप्रकाश ने केदार ङ्क्षसह ङ्क्षजदान को अपने पास आने के लिए आवाज लगाई।

केदार ङ्क्षसह ङ्क्षजदान सड़क से नीचे आ गया, जबकि रघुवीर तथा जगदीश बीआरसीसी कार्यालय के बाहर खड़े रहे तथा नीचे सड़क पर आरोपित जयप्रकाश ने स्कार्पियो गाड़ी एचपी 85 - 7300 जो वहां पहले से खड़ी थी। जैसे ही केदार ङ्क्षसह ङ्क्षजदान गाड़ी के पास पहुंचा, तो आरोपित व केदार ङ्क्षसह में किसी बात को लेकर बहस हो गई। इसी दौरान तीनों आरोपित जयप्रकाश, गोपाल व कर्म ङ्क्षसह ने स्कार्पियो से डंडे निकालकर केदार ङ्क्षसह को पीटना शुरू कर दिया। इसी दौरान केदार ङ्क्षसह सड़क पर गिर गया। जब उसने उठने की कोशिश की तो जयप्रकाश ने लोहे की राड से केदार ङ्क्षसह के सिर पर चार-पांच बार वार किया। फिर जयप्रकाश ने अपनी गाड़ी स्टार्ट की, जबकि गोपाल ने केदार ङ्क्षसह को गाड़ी के सामने सड़क पर रखा। जयप्रकाश ने गाड़ी केदार ङ्क्षसह के शरीर के ऊपर चढ़ा दी तथा फिर पीछे ले जाकर उसके शरीर के ऊपर से आगे ले जाकर गाड़ी उसके शरीर से 100 फीट आगे खड़ी कर दी। फिर जानबूझकर गाड़ी का बायीं तरफ के पिछले टायर का ब्रेक आयल पाइप तोड़ दिया, ताकि पुलिस को यह लगे कि यह हत्या नहीं, बल्कि सड़क दुर्घटना का मामला है। इसके बाद शिलाई पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर मामले में छानबीन की, जिसके बाद अदालत में चालान पेश किया गया।

अदालत में 44 गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर दोषियों को सजा सुनाई गई। इस मामले में जिला उपन्यायवादी एकलव्य तथा जिला उपन्यायवादी संजय पंडित ने भी जिला न्यायवादी बीएन शांडिल का मामले की पैरवी के दौरान सहयोग किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.