एचआरटीसी गड़बड़झाला : पालमपुर डिपो के दो आरोपित कैशियर सस्पेंड
एचआरटीसी के पालमपुर डिपो में चालकों व परिचालकों के एरियर में लाखों रुपये के गड़बड़झाले में प्रबंधन ने कार्रवाई की है। प्रारंभिक जांच और आडिट रिपोर्ट के आधार पर प्रबंध निदेशक (एमडी) संदीप कुमार ने क्षेत्रीय प्रबंधक को इस मामले में दो कर्मियों को तत्काल सस्पेंड करने का आदेश दिया।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल पथ परिवहन निगम(एचआरटीसी) के पालमपुर डिपो में चालकों व परिचालकों के एरियर में लाखों रुपये के गड़बड़झाले में प्रबंधन ने कड़ी कार्रवाई की है। प्रारंभिक जांच और आडिट रिपोर्ट के आधार पर प्रबंध निदेशक (एमडी) संदीप कुमार ने क्षेत्रीय प्रबंधक को इस मामले में दो कर्मियों को तत्काल सस्पेंड करने का आदेश दिया। इस आदेश की अनुपालना करते हुए पालमपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) उत्तम चंद ने डिपो में कार्यरत कैशियर राकेश कुमार व अरुण कुमार को सस्पेंड कर दिया है। इन दोनों का मुख्यालय हमीरपुर होगा। उत्तम चंद ने सस्पेंड करने की पुष्टि की है।
क्या कहा आदेश में
एमडी ने आदेश में कहा है कि पालमपुर डिपो में फंड का गबन हुआ है। आडिट सेक्शन अफसर नगरोटा राजीव कटोच, सेक्शन अफसर पठानकोट प्रदीप कुमार ने आडिट किया। धर्मशाला के मंडलीय प्रबंधक (डीएम) राजकुमार जरयाल की अगुवाई में इंस्पेक्शन रिपोर्ट बनाई गई। इसमें पाया गया कि पहली जनवरी, 2012 से दिसंबर 2020 तक चालकों व परिचालकों के पैसों में गबन हुआ है। इनमें बुङ्क्षकग क्लर्क राकेश कुमार, जो अब कैशियर हैं, परिचालक अरुण कुमार जो अब कैशियर के तौर पर सेवा दे रहे हैं, पूरे मामले में संलिप्त पाए गए हैं।
अधिकारियों की संलिप्तता नहीं
क्षेत्रीय प्रबंधक उत्तम चंद के अनुसार घपले में अधिकारियों की संलिप्तता नहीं पाई गई है। उन्होंने बताया कि अभी आडिट रिपोर्ट उनके पास नहीं पहुंची है, लेकिन एमडी के आदेश की पालना की गई है। दोनों आरोपित कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।
अब होगी विभागीय जांच
आरोपित कर्मचारियों के खिलाफ अब विभागीय जांच होगी। आरएम ने माना कि अभी तीन से चार लाख का घपला सामने आया है, बाकी जांच का विषय है। इससे पहले क्षेत्रीय प्रबंधन ने ही जांच की थी। ऐसा तब किया गया, जब चंबा में घोटाला सामने आया था।
जल्द होंगे चार्जशीट
जल्द ही दोनों आरोपित कर्मचारी चार्जशीट होंगे। पहले इन्हें कारण बताओ नोटिस भेजे गए थे। इनमें दोनों ने अपने आप को निर्दोष करार दिया थ। जिन चालकों, परिचालकों का पैसा डकारा था, उन्हें लौटाने के भी दावे किए गए हैं। अपने पक्ष में शपथपत्र भी दिए गए, लेकिन प्रबंधन इनके दावों से अभी सहमत नहीं है।
दैनिक जागरण ने उठाया था मुद्दा
दैनिक जागरण ने इस गड़बड़झाले को उठाया था। इसके बाद प्रबंधन हरकत में आया, लेकिन अभी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। केवल छोटे कर्मचारियों को ही सस्पेंड किया है।