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कोरोना से बचाव के लिए अधिक एहतियात बरतने की जरूरत

संवाद सहयोगी धर्मशाला कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अधिक एहतियात बरतने क

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 08:38 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 05:18 AM (IST)
कोरोना से बचाव के लिए अधिक 
एहतियात बरतने की जरूरत
कोरोना से बचाव के लिए अधिक एहतियात बरतने की जरूरत

संवाद सहयोगी, धर्मशाला : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अधिक एहतियात बरतने की आवश्यकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि धर्मशाला में कोविड नियंत्रण कक्ष से पूरी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। आम नागरिक इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण को हल्के में ले रहे हैं और बीमारी के बारे में गंभीर नहीं हैं और स्वास्थ्य सुविधा के लिए देर से रिपोर्ट कर रहे हैं। इससे स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की जा रही है। विभाग ने रोगियों की 55,886 नमूनों को संग्रहित किया है, जिनमें से अब तक 1743 सैंपल संक्रमित पाए गए हैं जबकि 23 लोगों की मौत हुई हैं।

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परीक्षण को बढ़ाने के लिए विभाग ने ट्रूनेट और रैपिड एंटीजेन टेस्ट परीक्षण की तकनीक शुरू की है। इन परीक्षण से कुछ मिनट से एक घंटे में सक्रिय केस रोगियों को पहचानने और अलग करने के लिए व संक्रमण रोकने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को मास्क पहनने, शारीरिक दूरी जारी रखनी चाहिए और यदि उनमें खांसी, बुखार, नाक बहने, गले में खराश आदि के लक्षण हैं, तो उन्हें निकटतम स्वास्थ्य संस्थान को सूचित करना चाहिए या टोल-फ्री नंबर- 104 या 1077 के माध्यम से कोविड कंट्रोल रूम को सूचित करना चाहिए।

जिला कांगड़ा में अब तक 51,595 आरटी-पीसीआर टेस्ट किए गए, जिसमें 1,486 लोग संक्रमित पाए गए जबकि ट्रूुनेट के 2,563 टेस्ट में 94 लोगसंक्रमित पाए गए। इसके अलावा 163 आरएटी के 1728 टेस्ट में 163 लोग संक्रमित पाए गए।

उन्होंने कहा कि सरकार के नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार रोगियों को स्थानीय आशा और चिकित्सा अधिकारी के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण के तहत घर में रखने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है। गंभीर लक्षणों वाले रोगियों को बैजनाथ, डाढ़, पौंग बांध व डीसीएचसी एवं डीसीएच केंद्र धर्मशाला में भर्ती किया जा रहा है। दवा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। डीसीएचसी और डीसीएच जैसे विशेष केंद्र ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, वेंटिलेटर और डायलिसिस जैसी नवीनतम मशीनों से सुसज्जित हैं। रोगियों को संशोधित डिस्चार्ज नीति के अनुसार छुट्टी दी जाती है, जिसके तहत पात्र रोगियों का फिर से परीक्षण नहीं किया जाता है और सात दिन घर में रहने की सलाह देकर छुट्टी दे दी जाती है।


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