ओम बिड़ला से करेंगे विधायकों के लिए प्रशिक्षण केंद्र की पैरवी
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष विपिन सिं परमार धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में विधायकों के लिए प्रशिक्षण केंद्र बनने की पैरवी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से करेंगे। यहां ई-विधान अकादमी स्थापित करने की मांग भी दोहराई जाएगी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष विपिन ङ्क्षसह परमार धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में विधायकों के लिए प्रशिक्षण केंद्र बनने की पैरवी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से करेंगे। यहां ई-विधान अकादमी स्थापित करने की मांग भी दोहराई जाएगी। शिमला में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में परमार ने बताया कि 16 से 19 नवंबर तक शिमला स्थित विधानसभा परिसर में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का शताब्दी वर्ष समारोह होगा। उन्होंने कहा कि 100 साल पहले शिमला स्थित काउंसिल चैंबर वर्तमान में विधानसभा में पहला सम्मेलन हुआ था। अब यहां 82वां सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। अभी गाजियाबाद स्थित सूर्या अकादमी में विधायकों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
36 विधानसभा और विधान परिषद के 288 सदस्य लेेंगे भाग
सम्मेलन में 36 विधानसभा व विधान परिषद के पीठासीन अधिकारी यानी अध्यक्ष, उप पीठासीन अधिकारी यानी उपाध्यक्ष, प्रधान सचिव व सचिव भाग लेंगे। प्रत्येक विधानसभा के तीन प्रतिनिधियों के साथ राज्य सरकार का एक वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मेलन में भाग लेगा। लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव, संसद टीवी के 20 लोगों कुल 378 प्रतिनिधि भाग लेंगे।
स्वजन के साथ आएंगे पीठासीन अधिकारी
सम्मेलन में शामिल होने के लिए सभी राज्यों के पीठासीन अधिकारियों व उप पीठासीन अधिकारियों को स्वजन के साथ शिमला आने का न्यौता दिया गया है। परमार ने बताया कि इससे हिमाचल के पर्यटन को मदद मिलेगी।
विधायिका, कार्य पालिका और न्याय पालिका पर चर्चा
परमार ने बताया कि सम्मेलन में लोकसभा सचिवालय सुनिश्चित करेगा कि किस विषय पर चर्चा की जानी है। सम्मेलन लोकसभा की ओर से आयोजित हो रहा है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा सम्मेलन की आयोजक है। इसमें विधायिका, कार्य पालिका और न्याय पालिका में किए जा रहे कार्यों पर चर्चा होगी।
विट्ठल भाई पटेल की अध्यक्षता में हुआ था पहला सम्मेलन
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के काउंसिल चैंबर में 1921 में पहली बार अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन हुआ था। 100 साल पहले 14 व 16 सितंबर को शिमला में हुआ था। उस समय निर्वाचित पहले पीठासीन विट्ठल भाई पटेल की अध्यक्षता में हुआ था। पहली बार 1921, 1926, 1933, 1939, 1976, 1997 व अब सातवां सम्मेलन आयोजित हो रहा है। ओम बिड़ला ने धर्मशाला की जगह शिमला में सम्मेलन आयोजित करने को इसलिए प्राथमिकता प्रदान की, क्योंकि 100 साल पहले यहीं पर पहला सम्मेलन आयोजित हुआ था। उस समय ब्रिटिश शासन काल के हाउस आफ कामन की ओर से फेड्रिक व्हाइट को पीठासीन बनाया था, जबकि निर्वाचित पीठासीन विट्ठल भाई पटेल बने थे।