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पर्यटकों की पहली पसंद रोहतांग दर्रे पर वाहनों की आवाजाही शुरू, कोरोना थमा तो बर्फ का दीदार कर सकेंगे सैलानी

Rohtang Pass बीआरओ के जवानों की मेहनत रंग लाई है। बीआरओ ने 13050 फीट ऊंचे दर्रे के दोनों छोर जोड़ दिए हैं। बहाल हुए दर्रे को अब पर्यटकों का इंतजार है। कोरोना से स्थिति सामान्य होते ही पर्यटक यहां बर्फ के दीदार कर सकेंगे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 01:35 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 01:35 PM (IST)
पर्यटकों की पहली पसंद रोहतांग दर्रे पर वाहनों की आवाजाही शुरू, कोरोना थमा तो बर्फ का दीदार कर सकेंगे सैलानी
बीआरओ ने 13050 फीट ऊंचे दर्रे के दोनों छोर जोड़ दिए हैं।

मनाली, जसवंत ठाकुर। बीआरओ के जवानों की मेहनत रंग लाई है। बीआरओ ने 13050 फीट ऊंचे दर्रे के दोनों छोर जोड़ दिए हैं। बहाल हुए दर्रे को अब पर्यटकों का इंतजार है। कोरोना से स्थिति सामान्य होते ही पर्यटक यहां बर्फ के दीदार कर सकेंगे। हालांकि अटल टनल बन जाने से इस बार रोहतांग दर्रे की बहाली में किसी को कोई खास रुचि नहीं है। लेकिन बहाल हुए रोहतांग दर्रे को अब सैलानियों का इंतजार है। इससे पहले सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग का यह  रोहतांग दर्रा सभी के लिए महत्वपूर्ण था। लेकिन अटल टनल बनने से दर्रे की महत्ता कम हो गई है। लेकिन कोरोना से हालात सामान्य होते हैं तो समर सीजन के जून जुलाई महीने में सैलानी दर्रे में बर्फ के दीदार कर सकते हैं।

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बीआरओ ने शनिवार को दर्रे के दोनों छोर को जोड़ दिया है। हालांकि दर्रे पर अभी वाहनों की आवाजाही को दो दिन लग सकते हैं। लेकिन बीआरओ ने दर्रे के दोनों छोर को जोड़कर इसे बहाल कर दिया है। इससे पहले रोहतांग दर्रे की बहाली बीआरओ की प्राथमिकता रही है लेकिन अटल टनल रोहतांग के निर्माण के बाद दर्रे की महत्ता कम हो गई है।

बीआरओ ने इस बार सबसे पहले बारलाचा दर्रे को बहाल कर लेह को मनाली से जोड़ा। दूसरे नंबर पर कुंजुम जोत को बहाल किया। वीरवार को बीआरओ ने शिंकुला दर्रे को बहाल कर कारगिल को मनाली के नजदीक लाया, जबकि अंत में आज शनिवार को बीआरओ ने रोहतांग दर्रे के दोनों छोर जोड़ दिए हैं। बीआरओ ने हालांकि सभी दर्रे को बहाल कर लिया है लेकिन वाहनों की आवाजाही के लिए अभी इंतजार करना होगा। 

ग्राम्फू काजा मार्ग पर डोहरनी के पास पत्थर गिरने से अभी वाहनों की आवाजाही जोखिम भरी बनी हुई है। दारचा पदुम करगिल मार्ग पर भी अभी सफर सुरक्षित नहीं है। लाहुल स्पीति प्रशासन ने सभी वाहन चालकों से आग्रह किया कि ग्राम्फू समदो मार्ग व दारचा से पदुम करगिल मार्ग पर भी सफर अभी सुरक्षित नहीं है। सफर करने से पहले पुलिस से संपर्क करें, ताकि दिक्कत का सामना न करना पड़े।

बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि बीआरओ ने रोहतांग दर्रे के दोनों छोर जोड़ दिए हैं। उन्होंने बताया कि दो दिनों के भीतर वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी।

कब-कब बहाल हुआ रोहतांग

  • 2015 में 14 मई
  • 2016 में 5 अप्रैल
  • 2017 में 24 अप्रैल
  • 2018 में 6 अप्रैल
  • 2019 में 10 मई
  • 2020 में 26 अप्रैल
  • 2021 में 29 मई

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