कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण लगी बंदिशों ने तोड़ दी पर्यटन कारोबार की कमर, समर सीजन में उम्मीदों पर पानी
Tourism Industry Affeted पर्यटन सीजन में ही पर्यटन कारोबार की कमर टूट गई है। कोरोना के बढ़ते मामलों ने पहले से ही पर्यटन कारोबार को कम कर दिया था। एंट्री पास अौर नाइट कर्फ्यू के निर्देशों ने जिले में पर्यटन कारोबार को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।
धर्मशाला नीरज व्यास। पर्यटन सीजन में ही पर्यटन कारोबार की कमर टूट गई है। कोरोना के बढ़ते मामलों ने पहले से ही पर्यटन कारोबार को कम कर दिया था। अब प्रदेश सरकार की अोर से जारी एंट्री पास अौर नाइट कर्फ्यू के निर्देशों ने जिले में पर्यटन कारोबार को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज, धर्मशाला में पर्यटकों की संख्या कम हो रही है अौर अावाजाही सिफर हो गई है। पर्यटन कारोबारियों पर फिर से बिजली, पानी के बिलों के भुगतान सहित लिए गए ऋण व उसके ब्याज को चुकाने का संकट अान पड़ा है। जिस व्यक्ति के पास तीन या इससे अधिक होटल हैं उन्होंने एक होटल को चलाने का फैसला लिया था। जिससे शेष होटल के कर्मचारी बेरोजगार हो गए थे।
अब नए अादेशों के चलते पर्यटकों की अामद सिफर हो गई है। होटल बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। पर्यटक ही नहीं रहे हैं तो होटल तो बंद ही करने पड़ेंगे। जिन पर्यटकों की बुकिंग थी भी वह भी रद हो चुकी है। पर्यटन सीजन में ही पर्यटन कारोबार की कमर टूट गई है। अब व्यापारी सरकार से बिजली पानी व टैक्स माफ करने की मांग कर हे हैं।
पिछले साल भी कोविड-19 के कारण झेल चुके हैं परेशानी
होटल व्यवसाय से जुड़े कारोबारी पिछले साल भी कोविड-19 के कारण परेशानी झेल चुके हैं। सबसे ज्यादा वह होटल व्यवसायी परेशान हैं जिन्होंने बहुत अधिक संख्या में ऋण लिया था अौर उम्मीद थी कि पर्यटन सीजन में पैसे पूरे हो जाएंगे। लेकिन न तो पिछले साल कारोबार हुअा अौर न ही इस साल पर्यटन कारोबार को पंख लगने की उम्मीद है। एेसे में होटल व्यवसायियों की परेशानी बढ़ गई है।
क्या कहते हैं होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष
होटल एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष अश्वनी बांबा ने बताया कि होटलों में जो बुकिंग थी वह भी रद हो गई है। पर्यटन कारोबार को डूबने से बचाने के लिए रकार को होटल, रेस्तरां व होम स्टे अादि के बिजली पानी के बिल, टैक्स माफ कर थोड़ी रहात देनी चाहिए।