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मनरेगा से संवारा पर्यटन, खोल दी रोजगार की राह, सीएम के गृह क्षेत्र की पंचायतों ने पेश की मिसाल

Mgnrega Develop Tourism मुख्‍यमंत्री के गृह क्षेत्र की तीन पंचायतों ने मनरेगा से पर्यटन संवारा है। इन पंचायतों ने न सिर्फ पर्यटकों के लिए आकर्षक पार्क बनाए बल्कि मनरेगा के तहत ही रेस्‍ट हाउस का भी निर्माण कर दिया।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 10:41 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 08:47 AM (IST)
मनरेगा से संवारा पर्यटन, खोल दी रोजगार की राह, सीएम के गृह क्षेत्र की पंचायतों ने पेश की मिसाल
गोहर की पंचायतों ने मनरेगा के तहत पर्यटन संवार दिया है।

मंडी, मुकेश मेहरा। मुख्‍यमंत्री के गृह क्षेत्र की तीन पंचायतों ने मनरेगा से पर्यटन संवारा है। इन पंचायतों ने न सिर्फ पर्यटकों के लिए आकर्षक पार्क बनाए, बल्कि मनरेगा के तहत ही रेस्‍ट हाउस का भी निर्माण कर दिया। अब इन पंचायतों में पर्यटकों की संख्‍या में पहले की अपेक्षा इजाफा हुआ है और लोगों को रोजगार भी मिला है। मुरहाग पंचायत में 1.20 करोड़ की लागत से पार्क का निर्माण किया गया है, जबकि देवीदड़ में अभी तक 50 लाख की लागत से काम जारी है। यहां अभी फाउंटेंड और तालाब बनाए गए हैं। इन कार्यों को अंजाम देने में विकास खंड अधिकारी गोहर निशांत शर्मा ने अहम भ‍ूमिका निभाई। उन्‍होंने पंचायत प्रधानों के सहयोग से मनरेगा टूरिज्म को बढ़ावा देकर नई पहल की।

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बीडीओ गाेहर निशांत शर्मा ने कार्यभार संभालने के बाद से मुरहाग के बेहतरीन सुंदर स्थलों को विकसित करने के लिए मनरेगा टूरिज्म का फार्मूला अपनाया। इसमें मनरेगा के विभिन्न मदों के तहत होने वाले कार्यों जैसे रास्ता निर्माण, डंगा लगाने, तालाब बनाने, स्वच्छता संबंधी कार्यों के बजट को यहां पर खर्च किया। लगभग चार बीघा एरिया में यहां पर इन्हीं मदों से एक करोड़ 20 लाख रुपये खर्च कर पार्क बनाया गया और आज यह पार्क पूरे प्रदेश सहित देश के लिए रोल मॉडल बन गया है।

विकास कार्यों की फेहरिस्त यही नहीं रुकी। पंचायत शाला में मनरेगा के तहत एक रेस्ट हाउस बना दिया गया। इसके अलावा दो पुलों का भी निर्माण किया गया जो प्रदेश में पहली बार बने। यह कार्य भी मनरेगा के तहत ही हुए। इन क्षेत्र में पर्यटन की आपार संभावनाओं को देखते हुए मनरेगा को ही मुख्य आधार बनाने का कारण था कि इसमें अलग अलग मदों से बजट भी था और लोगों को इससे रोजगार भी हासिल होना था। अब इसी कड़ी में आगे देवीदड़ में पंचायत में एक पार्क बनाया जा रहा है। यहां पर 20 लाख की लागत से एक तालाब तैयार कर दिया गया है। इसके अलावा तीन लाख की लागत से फाउंटेन लगाए गए हैं, इनमें रंगीन लाइटें लगाई गई हैं, जो बड़े शहर के पार्कों में होती हैं।

पर्यटकों की आमद बढ़ी, ग्रामीणों को मिला रोजगार

हालात यह हैं कि मुरहाग में अब पर्यटकों की आमद बढ़ गई है। ऐसे में यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हुआ है। हालांकि कोरोना काल में इस पार्क को बंद रखा गया था। लेकिन इसके अलावा यहां पर रोजाना 400 से 500 लोग घूमने आते हैं। यहां हर आयु वर्ग के व्यक्ति के लिए व्यवस्था की गई है।

महिलाएं परोस रहीं स्‍थानीय व्‍यंजन, गर्म कपड़ों की भी बिक्री

गांव की महिलाएं पर्यटकों को स्‍थानीय व्‍यंजन परोस कर अच्‍छी कमाई कर रही हैं। स्‍थानीय व्‍यंजन सिड्डू को पर्यटक बहुत पसंद करते हैं। मुरहाग पंचायत में पार्क के साथ बनाई दुकानों में काम कर रही स्वयं सहायता समूह की महिला चंद्रेश कुमारी, उमा देवी, मीनाक्षी व नीमो देवी ने बताया पार्क में दुकानों में स्थानीय व्यंजन और गर्म कपड़े आदि बनाकर बेचते हैं, इससे आय का साधन मिला है।

पर्यावरण संरक्षण को दिया बल

मनरेगा के तहत बन रहे इन पार्कों मे पर्यावरण संरक्षण को भी विशेष बल दिया गया है। यहां पर मुरहाग के पार्क में 100 चनार, 100 देवदार और 200 प्रकार के फूल लगाए गए हैं। यही नहीं वर्षा के पानी को ही इस्तेमाल कर यहां पर बने तालाब में नौकायान करवाया जा रहा है। इसके लिए बकायदा वर्षा जलसंग्रहण की व्यवस्था की गई है। यही नहीं बिजली का खर्च बचाने के लिए 100 सोलर लाइटें लगाई गई हैं। इसके अलावा जिम, बच्चों के लिए पार्क ओर आने वाले समय में टॉय ट्रेन की व्यवस्था यहां की जानी है और यह सारा कार्य का खर्च मनरेगा के तहत ही वहन होगा।

वन्य जानवरों के संरक्षण की भी पहल

यहा पर वन्य जानवरों के संरक्षण का संदेश देते उनके बुत लगाए गए हैं। साथ ही ग्रामीणों के लिए स्टेडियम, सामुदायिक भोजनालय, ग्रामीण हट, शेल्टर आदि बने हैं, जिनका इस्तेमाल स्थानीय लोग समय-समय पर कर रहे हैं।

पार्क के साथ बनाई दुकानों से पंचायत को भी आय

मुरहाग पंचायत प्रधान तजेंद्र ठाकुर ने कहा विकास खंड अधिकारी गोहर के सहयोग से डेढ़ साल में हमने पार्क तैयार किया। इसमें मनरेगा के तहत काम हुआ और 300 महिलाओं को रोजगार मिला। साथ मे दुकानें बनाई गई, जो स्वयं सहायता समूहों को दी गई हैं, इससे पंचायत को भी आय हो रही है।

पंचायतों के प्रस्‍ताव पर हुआ काम : बीडीओ

विकास खंड अधिकारी गोहर निशांत ठाकुर का कहना है पंचायत हमारे पास प्रस्ताव लेकर आई थी। यहां  पार्क बनाने के लिए अच्छी जगह थी। जिलाधीश मंडी, पंचायती राज मंत्री के सहयोग से इस पर काम हुआ। आज प्रदेश में मुरहाग में बना पार्क मनरेगा टूरिज्म का मॉडल बनकर उभरा है। देवीदड़ में भी ऐसा ही पार्क बनाया जा रहा है।


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