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कोविड-19 से लोगों को बचाना हमारी प्राथमिकता : पंप ऑपरेटर महासंघ

प्रदेशभर में मंगलवार को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक कामकाज ठप्प रहा। वहीं जल शक्ति विभाग का पंप ऑपरेटर व फील्ड वर्ग अपनी ड्यूटी पर लगातार डटा रहा। कोरोना जैसी महामारी को नियंत्रित करना असंभव ही नहीं बल्कि नामुमकिन था।

By Richa RanaEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 05:00 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 05:00 PM (IST)
कोविड-19 से लोगों को बचाना हमारी प्राथमिकता : पंप ऑपरेटर महासंघ
लोगों के घर द्वार पानी पहुंचाने के लिए पंप ऑपरेटर वर्ग बहुत काम कर रहा है।

पालमपुर, जेएनएन। प्रदेशभर में मंगलवार को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक कामकाज ठप्प रहा। वहीं जल शक्ति विभाग का पंप ऑपरेटर व फील्ड वर्ग अपनी ड्यूटी पर लगातार डटा रहा। आइटीआइ प्रशिक्षित पंप ऑपरेटर महासंघ वृत्त धर्मशाला के प्रधान जगदीप डोगरा ने कहा कि पंप ऑपरेटर महासंघ एनपीएसइए द्वारा न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में रखी गई पेन डाउन स्ट्राइक का समर्थन करता है। लेकिन आज जैसे कि पूरी दुनिया कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रही है ऐसे में पंप ऑपरेटर वर्ग लोगों को काल के मुंह में छोड़कर स्ट्राइक पर नहीं जा सकता।

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प्रदेश और देश में जब पूर्ण रूप से लाकडाउन व कफ़र्यू लगा हुआ था और लोग घरों से बाहर निकलने तक के लिए डर रहे थे उस समय भी जल शक्ति विभाग के पंप ऑपरेटर अन्य फील्ड कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर लगातार डटे रहे। हालांकि प्रदेश में बहुत से स्थानों पर इन कर्मचारियों को पुलिस ने तंग भी किया, लेकिन कर्मचारियों ने ड्यूटी से मुंह नहीं मोड़ा, क्योंकि वे जानते थे कि पानी के बिना कोरोना जैसी महामारी को नियंत्रित करना असंभव ही नहीं बल्कि नामुमकिन था।

उन्होंने कहा कि आज लोगों के घर द्वार पानी पहुंचाने के लिए जितना काम पंप ऑपरेटर वर्ग कर रहा है उतना वो वेतन विसंगति व पदोन्नति के लिए रो भी रहा है। वर्ष 2011 में जूनियर टेक्नीशियन को छोड़कर बाकी सभी वर्गों के स्केल रिवाइज्ड हुए थे पंप ऑपरेटर वर्ग को तो पंजाब तक का वेतनमान नहीं दिया जा रहा है उसका केस भी कोर्ट में चला हुआ है। पदोन्नति के लिए वह अलग से गिड़गिड़ा रहा है, लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।


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