Pulwama terror attack : 14 दिन के नवजात से छिना पिता का साया
Pulwama terror attack घर में पुत्र रत्न प्राप्ति की खुशियां मनाई जा रही थीं और 14 दिन के नवजात बेटे के नामकरण की तैयारी चल रही थी कि घर का तिलक ही खो गया।
जेएनएन, शाहपुर। Pulwama terror attack घर में पुत्र रत्न प्राप्ति की खुशियां मनाई जा रही थीं और 14 दिन के नवजात बेटे के नामकरण की तैयारी चल रही थी कि घर का तिलक ही खो गया और खुशियां मातम में बदल गईं। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए धारकला के तिलक राज 11 फरवरी को ही पत्नी सावित्री देवी के प्रसव के बाद ड्यूटी पर लौटे थे। उनके ड्यूटी जाते समय खुशियां थीं, क्योंकि घर में पुत्र पैदा हुआ था। जिस बेटे की खुशियां लेकर तिलक ड्यूटी के लिए निकला था वे ज्यादा समय तक घर की चौखट पर नहीं टिक पाईं।
शहादत का जाम पीने वाले तिलक राज कबड्डी खिलाड़ी भी थे। वह सीआरपीएफ से छुट्टी आने के बाद घर में घरेलू कबड्डी प्रतियोगिता में हारचक्कियां टीम की ओर से खेलते था। हाल ही में उन्होंने गांव के अन्य साथियों के साथ मिलकर हारचक्कियां में कबड्डी प्रतियोगिता शुरू की थी। भाग्य की विडंबना है कि खेतीबाड़ी कर बेटे को पालने वाले तिलक के पिता लायक राम और परिवार के अन्य सदस्यों को इस बात की सूचना नहीं है कि उनके घर का तिलक फीका पड़ गया है। तिलक का भाई बलदेव ङ्क्षसह पंजाब में शराब ठेके में सेल्समैन है।
संस्कृति के संरक्षण में भी जुटे थे तिलक राज
ड्यूटी के दौरान सीमा पर देश रक्षा करने वाले तिलक जैसे ही घर पहुंचते थे तो संस्कृति के संरक्षण में भी सहयोग देते थे। उन्होंने कई पहाड़ी गाने में गाए हैं। सात माह पूर्व रिलीज हुआ उनका गाना सिधु मेरा बड़ा ओ शराब हो भ्यागा ही इचि रंदा ठेके और प्यारी मोनिका काफी प्रसिद्ध हुआ है।
बुधवार को फेसबुक पर किया था अपडेट
तिलक राज ने बुधवार को फेसबुक आइडी पर अंतिम बार अपडेट किया था। उन्होंने धौलाधार क्लब की ओर से धेबा में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता की विजेता टीम हारचक्कियां का फोटो डाला था और आयोजन के बारे में कुछ जानकारी भी दी थी। उन्हें क्या पता था कि यह अपडेट उनकी आखिरी होगी। दोस्त आशीष ने बताया कि 11 फरवरी को तिलक राज ने कहा था कि अगली छुट्टियों में जब घर आएगा तो नाटी की रिकॉर्डिंग कर उसे रिलीज करेगा।