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निर्वासित तिब्‍बती संसद ने तिब्बत के राजनीतिक मुद्दे को शांति से हल करने का लिया संकल्प

Tibetan Exile Parliament 17वीं निर्वासित तिब्बती संसद का पहले दो दिवसीय सत्र के दौरान तिब्बत के राजनीतिक मुद्दे को शांति से हल करने का संकल्प लिया। इसके अलावा तिब्बत में मानवाधिकारों और पर्यावरण संकट को हल करने व निर्वासित तिब्बतियों के कल्याण की देखरेख करने का प्रण लिया।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 02:37 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 02:37 PM (IST)
निर्वासित तिब्‍बती संसद ने तिब्बत के राजनीतिक मुद्दे को शांति से हल करने का लिया संकल्प
तिब्बती संसद सत्र के दौरान तिब्बत के राजनीतिक मुद्दे को शांति से हल करने का संकल्प लिया।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Tibetan Exile Parliament, 17वीं निर्वासित तिब्बती संसद का पहले दो दिवसीय सत्र के दौरान तिब्बत के राजनीतिक मुद्दे को शांति से हल करने का संकल्प लिया। इसके अलावा तिब्बत में मानवाधिकारों और पर्यावरण संकट को हल करने व निर्वासित तिब्बतियों के कल्याण की देखरेख करने का प्रण लिया। दो दिवसीय सत्र का आयोजन तिब्बती संसद भवन में किया गया। इस साल मई माह में चुनी गई नई संसद के लिए पेंपा सेरिंग ने प्रधानमंत्री (सिक्योंग) की कुर्सी पर कब्जा किया था। इसके अलावा 45 सांसद भी 17वीं संसद के लिए चुनकर आए हैं। निर्वासित तिब्बती संसद के सदस्‍यों का शुक्रवार आठ अक्टूबर को शपथ ग्रहण समारोह हुआ। किन्हीं कारणों से यह शपथ ग्रहण समारोह नहीं हो पाया था। शपथ ग्रहण समारोह में 45 सदस्यों ने पद व गोपनीयता की शपथ ली। इसी दौरान प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग की मौजूदगी में खेंपो सोनम को दूसरी बार संसद का सभापति बनाया गया साथ ही डोलमा सेरिंग को उपसभापति बनाया गया।

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निर्वासित तिब्बती संसद के सभापति खेंपो सोन ने दो दिवसीय तिब्बती संसद के सत्र की अध्यक्षता की, जिसमें उपसभापति डोल्मा सेरिंग, 17वें कशाग के प्रधानमंत्री (सिक्योंग) पेंपा सेरिंग और 17वीं संसद के सदस्य शामिल हुए। अध्यक्ष खेंपो सोनम ने सांसदों को बधाई और तिब्बत के अंदर तिब्बतियों की आशंकाओं को पूरा करने के लिए तिब्बती संसद के संकल्प की पुष्टि की।

उन्होंने कहा कि तेजी से विकसित हो रही वैश्विक राजनीति के साथ, चीन धीरे-धीरे अपनी नीति को वैश्विक शासन के बदलते स्पेक्टर्म की ओर स्थानांतरित करने के लिए प्रयासरत है। चीन की वैश्विक नीति में यह बदलाव स्पष्ट रूप से तिब्बत के प्रति उसकी कठोर नीति को प्रभावित कर रहा है। इस मौके पर दो पूर्व सांसदों और कुछ प्रमुख तिब्बती समर्थकों के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सर्वसम्मति से प्रस्तावित आठ अधिकारिक शोक प्रस्तावों की सूचना दी। अध्यक्ष ने कहा नई संसद तिब्बती लोगों द्वारा उनमें निहित आशा और विश्वास पर खरा उतरेगी। उन्होंने सदस्यों से दो दिवसीय सत्र के दौरान नैतिकता और एकता बनाए रखते हुए एक दूसरे की राय का सम्मान करने का आग्रह किया।


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