थुनाग का रेशम बीज केंद्र बढ़ाएगा रेशम कारोबार
Silk Seed Center Thunag मंडी जिला के बालीचौकी में 494 लाख की लागत से बन रहे सेरी एंटरप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट एंड इनोवेशन सेंटर (एसईडीआइसी) भवन और थुनाग में 318 लाख की लागत से रेशम बीज उत्पादन केंद्र से प्रदेश में रेशम कारोबार बढ़ेगा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Silk Seed Center Thunag, मंडी जिला के बालीचौकी में 494 लाख की लागत से बन रहे सेरी एंटरप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट एंड इनोवेशन सेंटर (एसईडीआइसी) भवन और थुनाग में 318 लाख की लागत से रेशम बीज उत्पादन केंद्र से प्रदेश में रेशम कारोबार बढ़ेगा। इससे रेशमकीट पालन क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ होगा।
उद्योग मंत्री बिक्रम ङ्क्षसह ठाकुर ने एसईडीआइसी और रेशम बीज उत्पाद केंद्र के निर्माण कार्य को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। ये निर्देश उद्योग मंत्री ने शुक्रवार को उद्योग विभाग के रेशम अनुभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
उन्होंने कहा कि सेरी एंटरप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट एंड इनोवेशन सेंटर के निर्मित होने से प्रदेश के और अधिक रेशम बुनकरों को प्रशिक्षित करने की सुविधा प्राप्त होगी और रेशम से जुड़े उत्पाद निर्मित किए जाएंगे। प्रदेश में रेशम कीट पालन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जिससे रेशमकीट पालन किसानों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध होगी। प्रदेश के विभिन्न मंडलों के अंतर्गत बुनकरों को लाभान्वित करने के लिए रेशमकीट प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण केंद्र, रेशमकीट सामुदायिक केंद्र, कोकून विपणन केंद्र और सिल्क वार्म सीड उत्पादन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। बैठक में निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति, उप निदेशक रेशम अनुभाग बलदेव चैहान और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
1287.51 बीघा भूमि में शहतूत की खेती
प्रदेश में 79 रेशमकीट पालन केंद्र हैं। प्रदेश के 1287.51 बीघा भूमि में शहतूत की खेती की जाती है। वर्ष 2021-22 के दौरान अब तक 2.23 लाख शहतूत के पौधे वितरित किए गए हैं और 238 टन कोकून का उत्पादन किया गया।