Move to Jagran APP

रिट के जंगल में काटे मिले तीन और पेड़

गंगथ वन बीट के तहत आते रिट के जंगल में रविवार को भी निरी

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 09:42 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 09:42 PM (IST)
रिट के जंगल में काटे मिले तीन और पेड़
रिट के जंगल में काटे मिले तीन और पेड़

जागरण टीम, धर्मशाला/जसूर : गंगथ वन बीट के तहत आते रिट के जंगल में रविवार को भी निरीक्षण टीम ने तीन और कटे हुए पेड़ पाए। मुख्य अरण्यपाल बारिश के बीच जंगल के निरीक्षण अभियान में डटे रहे। शुक्रवार को वन वृत्त धर्मशाला के मुख्य अरण्यपाल डीआर कौशल ने कंडवाल के जंगल से निरीक्षण अभियान शुरू किया था, जो तीन दिन तक जारी रहा। पेड़ कटान मामले में एक बीओ और दो वनरक्षकों को ड्यूटी में कोतही बरतने पर निलंबित किया जा चुका है।

prime article banner

तीन दिन के दौरान वन वृत्त धर्मशाला के मुख्य अरण्यपाल 68 ऐसे पेड़ पा चुके हैं, जिनका कटान हुआ है। कंडवाल वन बीट व गंगथ बीट के तहत 34-34 पेड़ कटे हुए मिले हैं। शुक्रवार को कंडवाल बीट, जबकि शनिवार को गंगथ वन बीट के तहत रिट के जंगल का निरीक्षण अभियान शुरू हुआ। रविवार को भी मुख्य अरण्यपाल ने यह अभियान जारी रखा। ऐसे में जंगल में तीन और पेड़ कटे हुए मिले। मुख्य अरण्यपाल डीआर कौशल के मुताबिक अवैध कटान होने की शिकायत के बाद निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि दोनों बीट में कई पेड़ कटे हैं। रविवार को रिट के जंगल का निरीक्षण किया और तीन पेड़ कटे हुए मिले।

खन्नी क्षेत्र में पाए जाते हैं खैर

खन्नी क्षेत्र के खन्नी, मैरा, कायला, बदूही, थोहड़ा, भलून, बासा, गलोड़, वारल, कोपडा व औंद में भारी मात्रा में खैर पाए जाते हैं। ऐसे में चर्चा है कि क्षेत्र में खैर माफिया सक्रिय है। वन परिधि क्षेत्र पंजाब सीमा से सटा है। क्षेत्र के अधिकतर गांव सड़क सुविधा से जुड़ चुके। सूत्रों के अनुसार चोर रास्तों से वन संपदा की तस्करी को अंजाम दिया जाता है। क्षेत्र के इन कुछ हिस्सों को निजी भूमि पर लगे खैर के कटान के लिए भी खोला गया है। इसी आड़ में वन क्षेत्र के खैर को निशाना बनाकर सीमावर्ती राज्य में बेचकर गाढ़ी कमाई की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK