Budget 2020: आयकर स्लैब से हिमाचल में साढ़े तीन लाख आयकरदाताओं को लाभ, संवरेगा पर्यटन
TaxPayer get Benefit आयकर को लेकर बनाए गए स्लैब से कर्मचारियों को राहत मिली है।
धर्मशाला/शिमला, जेएनएन। आयकर को लेकर बनाए गए स्लैब से कर्मचारियों को राहत मिली है। हिमाचल में करीब साढ़े तीन लाख आयकरदाता हैं। ऐसे में पांच लाख रुपये तक कर न लगने से कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। हालांकि स्टेंडर्ड डिडक्शन को हटाने के बाद होने वाले गुणा-भाग के बाद पता चलेगा कि बजट से कितनी राहत मिलेगी। अर्थशास्त्रियों की मानें तो पूर्व की अपेक्षा पांच से सात फीसद तक लाभ होगा।
कर्मचारी संगठनों ने बजट को कर्मचारियों के हित में बताया है। पांच लाख से साढ़े सात लाख रुपये तक की आमदनी पर अब 10 फीसद कर देना होगा जो पहले 20 फीसद था। इस दायरे में प्रदेश के चतुर्थ और तृतीय श्रेणी के कर्मचारी आते हैं। साढ़े सात लाख से 10 लाख रुपये तक की आमदनी पर 15 फीसद की दर से कर देना होगा। इस दायरे में अधिकतर कर्मचारी आते हैं जो पहले 20 फीसद की दर से कर अदा करते थे।
क्या कहते हैं कर्मचारी व संगठनों के पदाधिकारी
- बजट कर्मचारियों के हित में है। टैक्स स्लैब को बांटने से कर्मचारियों को लाभ होगा। अभी तक हर सरकारी कर्मचारी टैक्स के दायरे में था। पांच लाख रुपये तक कोई कर न होने से राहत मिली है। -डॉ. प्रेम शर्मा, अध्यक्ष, हिमाचल शिक्षक महासंघ।
- कर्मचारियों को राहत मिली है। स्टेंडर्ड डिडक्शन हटाने पर भी राहत मिलेगी और पहले की अपेक्षा कम कर देना पड़ेगा मगर जो टैक्स पहले ज्यादा वसूला गया था, वो वापस नहीं होगा। -डॉ. अश्वनी कुमार, अध्यक्ष, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टीचर ऑर्गेनाइजेशन।
- प्रारंभिक तौर पर बजट राहत वाला लग रहा है। गुणा हिासाब के बाद पता चलेगा कि कितना लाभ और कितना नुकसान हुआ है। -विनोद कुमार, अध्यक्ष अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ।
हिमाचल में अब और संवरेगा पर्यटन
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 45 हजार करोड़ का बजट घोषित किया गया है। इससे हिमाचल में भी पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश में अनछुए व कम विकसित स्थान भी मुख्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकेंगे। नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन बनने से प्रदेश में 58 राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हो सकेगा। राज्य स्तर पर निवेशकों को आकर्षित करने के लिए इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल गठित करने के प्रस्ताव से प्रदेश में निवेश की संभावना बढ़ेगी। स्किल इंडिया के तहत तीन हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव से प्रदेश में बेरोजगारी समाप्त होगी। स्टार्टअप को बढ़ावा देने से युवा नौकरी करने की बजाए दूसरों को रोजगार देने की स्थिति में रहेंगे। पूर्व आइएएस अधिकारी डॉ. अरुण शर्मा ने कहा कि हमारे पास पर्यटन विकास ही एकमात्र विकल्प है। राज्य में हर तरह का पर्यटन विकसित हो सकता है। हवाई अड्डों का निर्माण होने से राज्य के लिए भी आस बधेंगी। हिमाचल के पास पर्यटन क्षेत्र में आगे बढऩे की अपार संभावनाएं हैं।