मंडी में 3 किसानों ने 4 बीघा में टमाटर उगाकर कमाए 5-5 लाख
मंडी जिले में प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना किसानों की आमदनी का सहारा बन गई है। इसमें किसान अपनी फसल को अच्छे दाम पर बेचकर अपनी आमदनी को दोगुना कर रहे हैं। नरेंद्र कुमार ने 5 बीघा में मटर उगा कर सब्जियों के तहत क्षेत्र को बढ़ाया है।
फरेंद्र ठाकुर, मंडी। मंडी जिले में प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना किसानों की आमदनी का सहारा बन गई है। इसमें किसान अपनी फसल को अच्छे दाम पर बेचकर अपनी आमदनी को दोगुना कर रहे हैं। इसी कड़ी में गोहर के चच्योट के चलाहर-गुलाड गांव के तीन किसान कन्हैया लाल, सतीश कुमार व नरेंद्र कुमार ने खरीफ सीजन में 5 बीघा जमीन में पांच-पांच लाख, 3.5 बीघा से चार लाख और 4 बीघा में टमाटर उगाकर 4.5 लाख कमाए हैं।
जबकि इस वर्ष रबी सीजन में कन्हैया ने 5.5 बीघा और नरेंद्र कुमार ने 5 बीघा में मटर उगा कर सब्जियों के तहत क्षेत्र को बढ़ाया है। किसानों का कहना है कि वो लोग अगले वर्ष सब्जियों के तहत और क्षेत्र बढ़ाएंगे और दूसरे किसानों को भी प्रोत्साहित करेंगें। परियोजना के तहत प्रदान की गई सिंचाई सुविधाएं किसानों को सब्ज़ी उत्पादन का आधुनिक एवं तकनीकी ज्ञान, संग्रहण से विक्रय तक की जानकारी के कारण वार्षिक आय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। चच्योट में प्रचलित बहाव सिंचाई योजना- चलाहर-गुलाड जिसका कुल कृषि योग्य क्षेत्र 57.07 हेक्टेयर है। यहां पर व्यवसायिक पैमाने पर टमाटर, फ्रेंचबीन, गोभी, लहसुन और मटर जैसी नकदी फसलों की वृद्धि के लिए उपयुक्त है।
पांच जिलों में शुरू की गई है योजना
फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना प्रदेश के पांच जिलों में शुरु की गई है। इसमें मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना शामिल है। इस परियोजना के माध्यम से मंडी जिले में 62 उप परियोजनाओं में 1261.46 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है । यह
परियोजना राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र मे आवश्यक आधारभूत संरचनाओं का विकास करते हुए फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देना व किसानों की आय को बढ़ाना है।
77 हजार से बढ़कर 5.4 लाख पहुंची वार्षिक आय
मंडी के जिला परियोजना अधिकारी डॉक्टर नवनीत सूद ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से किसानों की वार्षिक आय जोकि परियोजना के लागू होने से पहले लगभग 77 हजार रुपये थी। अब वह बढ़कर 5.4 लाख हो गई है। यानी कि 7 गुना वृद्धि को दर्शाता है। वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 49.10 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ सीजन व 44.80 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी सीजन की फसलें लगाई गई। इसमें खरीफ सीजन में 3.19 लाख रुपये व रबी सीजन में 2.24 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर आय प्राप्त हुई।
प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना किसानों की आमदनी को दोगुना कर रही है। योजना के आने से पहले किसानों की वार्षिक आय 77 हजार रुपये थी, जोकि अब 5.4 लाख पहुंच गई है।