गांव को नशे से मुक्त करेगी बघैल रक्तल की युवा प्रधान आंचल
जब मन में कुछ करने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई भी मुकाम आसानी से पाया जा सकता है। गांव को दशा और दिशा बदलने के संकल्प लेकर पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने वाली युवा प्रधान आंचल के मन में कुछ अलग करने का जज्बा है।
अनुपमा शर्मा, लडभड़ोल (मंडी)। जब मन में कुछ करने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई भी मुकाम आसानी से पाया जा सकता है। गांव को दशा और दिशा बदलने के संकल्प लेकर पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने वाली युवा प्रधान आंचल के मन में कुछ अलग करने का जज्बा है।
बकौल आंचल, नशे को गांव से खत्म करना है और पेयजल सुविधा से महरूम गांव में हर घर में नल लगवाना मेरी प्राथमिकता है। चौंतड़ा ब्लॉक की नई बनी पंचायत बघैल रक्तल की युवा प्रधान आंचल राजपूत का यह उद्देश्य है। 21 साल चार महीने की उम्र में सबसे युवा प्रधान बनी आंचल अपनी पंचायत को आदर्श पंचायत बनाना चाहती हैं। 16 सितंबर 1999 को जन्मीं आंचल जोगेंद्रनगर कॉलेज से बीएससी कर रही हैं। अंतिम वर्ष के लिए परीक्षा देने के बाद आंचल ठाकुर ने गांववासियों के कहने पर चुनाव लड़ा। उनके सामने रीता देवी उनकी प्रतिद्वंद्वी थी। अंजना को 281 और रीता देवी को 239 मत पड़े। आंचल के पिता चमेल ङ्क्षसह ठेकेदार हैं तो माता निशा देवी आंगनबाड़ी वर्कर हैं। अंजना कहती हैं कि पहले उनकी पंचायत तुलाह थी, लेकिन पंचायत मुख्यालय दूर होने के कारण हमारे क्षेत्र में विकास नहीं होता था। आज भी कुछ गांव पेयजल सुविधा से महरूम हैं। गांव की महिलाओं को पेयजल के लिए एक किलोमीटर तक पैदल आना पड़ा है, साथ ही रास्ते भी सही नहीं है। मैं हमेशा गांव के लिए कुछ करना चाहती थी। अब मुझे मौका मिला है तो गांव के विकास में कोई कमी नहीं रहने दूंगी। मेरे पिता ने भी मेरा पूरा साथ दिया तथा अब हमारी पंचायत नई बनने के बाद गांव को ऊंचाइयों तक ले जाना मेरी सबसे बड़ी प्राथमिता रहेगी। उन्होंने कहा कि बीएससी पूरी होने के बाद एमएससी की पढ़ाई भी करूंगी।