Move to Jagran APP

खतरे में नौनिहाल, सरकार बन रही अनजान

-81 बच्चे अलुहा स्कूल में हासिल कर रहे हैं शिक्षा 1 शिक्षक के हवाले नौनिहालों का भविष्य पढ़ाए य

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Dec 2021 06:49 PM (IST)Updated: Wed, 15 Dec 2021 06:49 PM (IST)
खतरे में नौनिहाल, सरकार बन रही अनजान
खतरे में नौनिहाल, सरकार बन रही अनजान

-81 बच्चे अलुहा स्कूल में हासिल कर रहे हैं शिक्षा

loksabha election banner

1 शिक्षक के हवाले नौनिहालों का भविष्य, पढ़ाए या व्यवस्था देखे अध्यापक

संवाद सूत्र, ज्वालामुखी : प्रदेशभर में शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार के सरकारी दावे प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था के आगे गौण होने लगे हैं। हालात ऐसे हैं कि सरकारों ने कई कई साल पहले आनन फानन में कदम-कदम पर स्कूल तो खोल दिए, लेकिन अब उनकी हालत क्या है कोई जानने को तैयार नहीं है।

विधानसभा क्षेत्र ज्वालामुखी के शिक्षा खंड खुंडियां का प्राथमिक विद्यालय अलुहा अव्यवस्थाओं का जीवंत उदाहरण बन गया है। स्कूल का जर्जर भवन कब नौनिहालों की जिंदगी पर भारी पड़ जाए कोई नहीं जानता। शिक्षा विभाग यह कहकर अपना पल्ला झाड़ रहा है कि सरकार को इस बावत अवगत करवाया गया है, जबकि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिवावकों का तर्क है कि पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से लेकर विधायक तक के समक्ष कई बार अपनी बात रखने के बावजूद उसका कोई समाधान नहीं हुआ। स्कूल भवन की छत से थोड़ी थोड़ी देर बाद कंकरीट गिरता रहता है। बच्चे असुरक्षा के माहौल में पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल में जहां तीन से चार अध्यापकों की दरकार है। वहीं नर्सरी से पांचवी तक की कक्षाओं के लिए भी एक ही अध्यापक जैसे तैसे बच्चों के भविष्य को सुधारने में जुटा है। प्री नर्सरी से पांचवीं तक 81 बच्चे, एक अध्यापक

जीपीएस अलुहा में सरकारी व्यवस्था का हाल यह है कि प्री नर्सरी के दस बच्चों के साथ पहली से पांचवीं तक पढ़ने आने वाले बच्चों की कुल संख्या 81 है। सभी कक्षाओं के लिए मात्र एक ही अध्यापक मौजूद है। अभिभावकों का कहना है कि ऐसे में कई बार इस अध्यापक को भी विभागीय कार्यो के लिए जाना होता है। तब बच्चे बिना किसी देखरेख के ही स्कूल में रहते हैं। स्कूल में 81 बच्चों को एक अध्यापक किस तरह की स्तरीय शिक्षा दे पा रहा होगा, ये कहने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर की शिकायत, नहीं हुआ समाधान

पंचायत के भोरण गांव के बलदेव सिंह ने कहा कि उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत की, लेकिन समाधान का कोई हल नहीं निकला है। भवन के लिए धर्मशाला से शिमला तक पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नजर नहीं आता। जर्जर भवन की चपेट में आकर कुछ अप्रिय हुआ तो सरकार व विभाग बराबर जिम्मेवार होंगे। विधायक रमेश धवाला को बताई है समस्या

अलुहा पंचायत की प्रधान रीता देवी ने बताया कि विधायक रमेश धवाला को अध्यापकों की कमी व जर्जर भवन के बारे में अवगत करवाया गया है। यह सही है कि जर्जर भवन के कारण कभी भी कुछ भी अप्रिय घटना हो सकती है। यहां न बच्चों की शिक्षा सही हो पा रही है न ही उनकी सुरक्षा है। स्कूलों में अध्यापकों की कमी के बारे में सरकार तक बात पहुंचाई गई है। जब तक नए शिक्षकों की भर्ती नहीं होती यह व्यवस्था नहीं सुधर सकती। लोग शिमला तक शिकायतें तो कर रहे हैं, लेकिन इसमें हमारी कोई गलती नहीं है। भवन के जर्जर होने के संबंध में मुझे जानकारी नहीं है। इस बाबत स्कूल अध्यापक से बात करके उच्च अधिकारियों के समक्ष मामला उठाएंगे।

-राजिद्र कुमार, खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी खुंडियां।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.