फिर सूखने लगी धार्मिक आस्था का केंद्र डल झील
धार्मिक आस्था की केंद्र डल झील मैक्लोडगंज फिर रिसाव की जद में आ
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : धार्मिक आस्था की केंद्र डल झील मैक्लोडगंज फिर रिसाव की जद में आ गई है। रिसाव रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं और कई सरकारी एजेंसियां दम भी लगा चुकी है, लेकिन हासिल कुछ नहीं हो पा रहा है। यही नहीं इसके लिए बकायदा प्रशासन ने अध्ययन भी करवाया था कि किस स्थान पर रिसाव हो रहा है। अध्ययन के बाद आए सुझावों पर कुछ कार्य भी हुआ, लेकिन परिणाम शून्य ही रहा। अब एक बार फिर डल झील में रिसाव शुरू हो गया है। इससे धार्मिक आस्था के इस केंद्र पर संकट के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं। इससे पहले 2017, 2019 व 2020 में भी झील में रिसाव हो चुका है। एक बार तो झील की मछलियों को भी नजदीकी खड्डों में छोड़ना पड़ा था, ताकि उनका जीवन सुरक्षित रहे। वर्षो पहले शुरू हुई रिसाव की समस्या
डल झील में रिसाव की समस्या वर्षों पहले शुरू हुई थी। बावजूद इसके रिसाव रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठे हैं। प्रशासन भी रिसाव रोकने के लिए लीपापोती कर इतिश्री कर लेता है। यही वजह रही है कि करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बाद भी लीकेज की समस्या जस की तस है। झील में रिसाव सितंबर और नवंबर में ही होता है। धार्मिक आस्था का केंद्र है झील
मैक्लोडगंज स्थित डल झील आस्था का केंद्र है। चंबा के मणिमहेश न पहुंच पाने वाले श्रद्धालु राधाष्टमी के दिन इस झील में पवित्र स्नान कर पुण्य फल पाते हैं। झील के मैक्लोडगंज के साथ होने से वर्षभर यहां देश-विदेश से हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। --------
मैक्लोडगंज स्थित डल झील के साथ लगते क्षेत्र के बाशिंदों अशोक कुमार, ओम प्रकाश, दिनेश करतार, नरेंद्र, रवि व श्याम सहित ने कहा कि झील में रिसाव की समस्या वर्षों पुरानी है। इसके स्थायी समाधान की दिशा में प्रदेश सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए। झील में फिर रिसाव शुरू हो गया और पानी भी कम हो गया है। यह झील स्थानीय बाशिदों के लिए धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। यहां राधाष्टमी के दिन पवित्र स्नान होता है।
डल झील धार्मिक आस्था का केंद्र है। झील में रिसाव की समस्या वर्षों से चली आ रही है। हर दूसरे या तीसरे वर्ष रिसाव शुरू हो जाता है। इस दिशा में सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए, ताकि रिसाव को रोका जा सके।
-ओंकार नैहरिया, महापौर नगर निगम धर्मशाला। इस संबंध में मुझे अभी कोई सूचना नहीं है। डल झील के रिसाव को रोकने के लिए अभी तक कितनी धनराशि खर्च हुई है, इस संदर्भ में अभी जानकारी नहीं दे सकता।
-पृथी पाल सिंह, उपनिदेशक पर्यटन विभाग। अभी जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो इस संबंध में जांच की जाएगी। लीकेज रोकने में कहां चूक हुई, यह भी जांच का विषय है। इसके लिए सही जानकारी जुटाने के बाद आवश्यक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
-डा. निपुण जिदल, उपायुक्त कांगड़ा।