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धर्मशाला में तकनीकी कर्मचारी संगठन भी उतरा पीसमील कर्मियों के समर्थन में, सांकेतिक हड़ताल के लिए भेजा ज्ञापन

एचआरटीसी के पीसमील कर्मियों की टूल डाउन हड़ताल जारी है। तकनीकी कर्मचारी संगठन एआरटीसी ने आंदोलनरत पीस मील कर्मचारियों के समर्थन में सांकेतिक हड़ताल के बारे में हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंधक निदेशक को ज्ञापन भेजा गया है।

By Richa RanaEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 08:33 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 08:33 AM (IST)
धर्मशाला में तकनीकी कर्मचारी संगठन भी उतरा पीसमील कर्मियों के समर्थन में, सांकेतिक हड़ताल के लिए भेजा ज्ञापन
एचआरटीसी के पीसमील कर्मियों की टूल डाउन हड़ताल जारी है।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। एचआरटीसी के पीसमील कर्मियों की टूल डाउन हड़ताल जारी है। तकनीकी कर्मचारी संगठन एआरटीसी ने आंदोलनरत पीस मील कर्मचारियों के समर्थन में सांकेतिक हड़ताल के बारे में हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंधक निदेशक को ज्ञापन भेजा गया है। जिसमें हिमाचल परिवहन तकनीकी कर्मचारी संघठन ने कहा है कि 29 नवंबर से निगम के सबी पीस मील कर्मचारियों को अनुबंध नीति में लाने के लिए अनिश्चतकालीन हड़ताल पर हैं।

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निगम की कर्मशालाओं में बसों की मुरम्मत व रखरखाव का अधिकांश कार्य इसी वर्ग पर निर्भर है। इनके आंदोलन पर चले जाने के कारण कर्मशाला के कार्य का सारा भार नियमित तकनीकी कर्मचारियों पर आ गया है। नियमित कर्मचारियों संख्या में नाम मात्र ही है। जिसकी वजह से कर्मशाला का कार्य करे में असहाय व असमर्थ हैं। क्यों कि नियमित कर्मचारी इस समय 55 से 58 साल की उम्र के हैं। हिमचाल पथ परिवहन तकनीकी कर्मचारी संगठन ने इस मांग को कई बार उठाया है, लेकिन अभी तक इसका कोई भी समाधान नहीं निकाला गया है।

इस लिए तकनीकी कर्मचारी संघठन ने निर्णय लिया है कि इस बारे में सात दिन के भीतर अगर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो छह दिसंबर से कर्मशाला के समस्त तकनीकी कर्मचारी पीस मील कर्मचारियों के समर्थन में प्रत्येक दिन दोपहर एक बजे गेट मीटिंग करेंगे और 15 दिसंबर से दो बजे से चार बजे तक प्रबंदन व सरकार के विरोध करते हुए टूल डाउन हड़ताल करेंगे।

अब जब की प्रबंधन व सरकार इस बारे में उचित फैसला नहीं लेते। इसकी सारी जिम्मेदारी प्रबंधन व सरकार की होगी। तकनीकी कर्मचारी संगठन हिमाचल पथ परिवहन निगम ने ज्ञापन की प्रतिलिपि परिवहन मंत्री, अतिरिक्त मुख्य सिचव परिवहन हिमाचल सरकार व श्रमायुक्त हिमाचल प्रदेश सरकार को भी प्रेषित की है।


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