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कोरोना काल ने रोकी पढ़ाई तो गुरुजी ने स्‍कूल परिसर में ही अरबी उगाई, अब बच्‍चों को मिड-डे मील में परोसी जाएगी

Teacher Grow Vegetable In School कोरोना काल में शिक्षक बच्चों को आनलाइन शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ इस समय का सदुपयोग करने की सीख भी दे रहे हैं। वैश्विक महामारी के चलते शिक्षण संस्थान करीब डेढ़ वर्ष से बंद हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 10:03 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 10:03 AM (IST)
कोरोना काल ने रोकी पढ़ाई तो गुरुजी ने स्‍कूल परिसर में ही अरबी उगाई, अब बच्‍चों को मिड-डे मील में परोसी जाएगी
कड्ड स्‍कूल प्रधानाचार्य ने शिक्षकों की मदद से स्कूल की खाली पड़ी दो कनाल भूमि में अरबी उगाई है।

गोंदपुर बनेहड़ा (ऊना), गुरदेव कुमार। Teacher Grow Vegetable In School, कोरोना काल में शिक्षक बच्चों को आनलाइन शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ इस समय का सदुपयोग करने की सीख भी दे रहे हैं। वैश्विक महामारी के चलते शिक्षण संस्थान करीब डेढ़ वर्ष से बंद हैं। बच्चों की चहल-पहल न होने से कई स्कूल परिसर वीरान पड़े हैं। अधिकांश स्कूलों के परिसरों में बड़ी-बड़ी घास उग आई है। ऐसे में जिला ऊना की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कड्ड के प्रधानाचार्य दिलबाग सिंह राणा ने शिक्षकों की मदद से स्कूल की खाली पड़ी दो कनाल भूमि में अरबी उगाई है। स्कूल खुलने पर इसे बच्चों को मिड-डे मील में परोसने की तैयारी है।

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कोरोना के मामले कम होने के बाद इस वर्ष शिक्षण संस्थानों को खोलने की तैयारी थी, लेकिन मार्च में कोरोना की दूसरी लहर आ गई और पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी काफी कुछ बंद करना पड़ा। स्कूल भी नहीं खुल पाए। ऐसे में कड्ड स्कूल के प्रधानाचार्य दिलबाग सिंह राणा ने मार्च में ही शिक्षकों की मदद से स्कूल परिसर की खाली पड़ी भूमि में अरबी की फसल लगा दी थी। अब आनलाइन पढ़ाई के बाद जो भी समय बचता है, उसमें शिक्षक इस फसल की देखभाल का कार्य करते हैं।

अब जब स्कूल खुलेगा तो इस अरबी को बच्चों में मिड-डे मील में परोसा जाएगा। यदि स्कूल एक या दो माह नहीं खुलेंगे तो भी अरबी खराब नहीं होगी। इस फसल को अक्टूबर में निकाल लिया जाएगा। यदि उत्पादन अच्छा होता है तो इसे बाजार में बेचकर उससे होने वाली आमदनी को स्कूल हित में खर्च किया जाएगा। अरबी का उत्पादन करीब 3.50 क्विंटल होने का अनुमान है। इस फसल के बाद स्कूल परिसर की इस जमीन का अन्य उपयोग किया जाएगा।

इससे पहले भी उगाते रहे हैं सब्जियां

स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि लाकडाउन से पहले स्कूल परिसर में खाली पड़ी भूमि में छोटी-छोटी क्यारियां बनाई गई थीं। उसमें पालक, हरा धनिया, मेथी, पुदीना, मूली व शलजम लगाए थे जिसका उपयोग बच्चों के लिए मिड-डे मील में किया था। इन दिनों अध्यापकों द्वारा आनलाइन पढ़ाई के साथ ही बच्चों को बरसात के दौरान पौधे लगाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।

 

स्कूल खुलने पर कोविड-19 से बचाव की होगी पुख्ता व्यवस्था

स्कूल के प्रधानाचार्य दिलबाग सिंह राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार के आदेशानुसार दो अगस्त को स्कूल खुलने पर कोविड-19 प्रोटोकोल का पूरा पालन किया जाएगा। दसवीं से जमा दो कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूल खुल रहे हैं। स्कूल कैंपस को सैनिटाइज किया जाएगा। कैंपस में बरसात में उगी घास व झाडिय़ों की सफाई की जाएगी। बच्चों की स्कूल प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीङ्क्षनग, हैंड सैनिटाइजर व फेस मास्क का विशेष प्रबंध होगा। बच्चे स्कूल मेें दो गज दूरी को बनाए रखें, इसका खास ध्यान रखा जाएगा।


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