अध्यापिका का आरोप, प्रिंसिपल ने मानसिक व शारीरिक तौर पर किया प्रताडि़त, महिला आयोग पहुंचा मामला
घुमारवीं के एक स्कूल की शिक्षक ने प्रिंसिपल पर मानसिक और शरीरिक तौर पर प्रताडि़त करने के अरोप लगाए हैं।
शिमला, जेएनएन। भले ही प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा के दावे कर रही हो, लेकिन जमीन पर यह दावे हवा होते नजर आ रहे हैं। ज्ञान के मंदिरों में ही महिलाएं व छात्राएं सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं। ऐसे में सरकारी स्कूलों में तैनात महिला शिक्षक महिला आयोग का दरवाजा खटखटाने लगी हैं। ऐसा ही एक मामला जिला बिलासपुर के घुमारवीं के एक स्कूल की शिक्षक ने प्रिंसिपल पर मानसिक और शरीरिक तौर पर प्रताडि़त करने के अरोप लगाए हैं। इस मामले की शिकायत शिक्षिका ने महिला आयोग से की है।
आयोग को दी शिकायत में शिक्षिका ने कहा है कि प्रधानाचार्य अप्रैल 2018 से शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहे हैं। बीते दिनों प्रधानाचार्य ने कक्षा में आकर ही विद्यार्थियों के सामने अभद्र शब्द बोल कर प्रताडि़त किया। ऐसा करने से रोकने पर प्रधानाचार्य अपने पद की पावर की बात कह कर विद्यार्थियों के सामने ही धमकाने लगे। आयोग से की शिकायत में महिला शिक्षक ने आरोप लगाया है कि प्राधानाचार्य ने अध्यापक कक्ष में आकर फिर धमकाया, साथ ही व्यक्तिगत जीवन पर भी आक्षेप किए। महिला शिक्षक ने आयोग से गुहार लगाते हुए कहा कि इस मामले की सही जांच की जाए।
आरोप निराधार
मेरी छवि के बारे में स्कूल के अन्य स्टाफ से पूछ सकते हैं। पहले ये तो पता चले कि मुझ पर आरोप किस मिहला शिक्षक ने लगाए हैं, तभी कुछ कह पाऊंगा। फिर भी जिस किसी ने भी मुझ पर आरोप लगाए हैं, वह निराधार हैं। -जोगिंद्र सिंह राव, प्राधानाचार्य।
आयोग के पास महिला शिक्षक की शिकायत आई है। प्रधानाचार्य के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जल्द समन भेजकर मामले की जांच शुरू की जाएगी। -डेजी ठाकुर, अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग।