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पंचायत उपचुनाव: प्रचार थमने से तीन घंटे पहले बदल दिए प्रधान पद के प्रत्याशियों के चुनाव चिह्न

panchayat By Election नूरपुर ब्लॉक की छतरोली पंचायत में 17 नवंबर को हो रहे प्रधान पद के उपचुनाव को लेकर बवाल खड़ा हो गया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 08:38 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 08:38 AM (IST)
पंचायत उपचुनाव: प्रचार थमने से तीन घंटे पहले बदल दिए प्रधान पद के प्रत्याशियों के चुनाव चिह्न
पंचायत उपचुनाव: प्रचार थमने से तीन घंटे पहले बदल दिए प्रधान पद के प्रत्याशियों के चुनाव चिह्न

जसूर, जेएनएन। नूरपुर ब्लॉक की छतरोली पंचायत में 17 नवंबर को हो रहे प्रधान पद के उपचुनाव को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। आलम यह है कि चुनाव प्रचार थमने से महज तीन घंटे पहले ही तीन प्रत्याशियों के चुनाव चिन्ह बदल दिए गए जिस पर इन प्रत्याशियों ने सवाल खड़ा कर दिया कि अधिकारियों की गलती की सजा उन्हें क्यों दी जा रही है? नूरपुर ब्लॉक की छतरोली पंचायत में प्रधान पद के लिए चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें तलेटा के गुरदयाल सिंह, तलेटा के ही अशोक कुमार, हलेड़ की कृष्णा देवी व छतरोली के अशोक कुमार शामिल हैं। इनमें तलेटा के गुरदयाल, तलेटा के अशोक कुमार व हलेड़ की कृष्णा देवी के चुनाव चिन्ह बदले गए हैं।

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तीनों ही प्रत्याशियों ने पत्रकार वार्ता कर चुनावी प्रक्रिया पर हैरानी व्यक्त की और आला अधिकारियों को शिकायतपत्र भेजकर मांग की है कि चुनाव में तैनात अधिकारियों की गलती की सजा उन्हें दी जा रही है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। तीनों उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग से जानना चाहा कि बदले परिवेश में वह पुन: अब अपना प्रचार कैसे पूरा कर पाएंगे जबकि चुनाव प्रचार थम चुका है। तीनों प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग व प्रशासन से मांग की है कि उनके चुनाव चिन्ह न बदले जाएं यदि किसी कारणवश चिन्‍ह बदलते हैं तो फिर एक सप्ताह का समय उन्हें दिया जाए, ताकि वह अपने नए चुनाव चिह्न अनुसार प्रचार कर सकें। साथ ही इस संबंध में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।

गौरतलब है कि 2014 में प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था और इस वर्ग से बने प्रधान की अप्रैल में मृत्यु हो गई थी। इस कारण उपचुनाव की नौबत आई थी। क्षेत्र के हिसाब से पंचायत बड़े क्षेत्र में फैली हुई है जिसमें छतरोली, ग्योरा, तलेटा, मनाड़, हलेड, बासा, नात्था का ग्योरा, बाटू का पुल, ममूर आदि गांव आते हैं। पंचायत में कुल नौ वार्ड हैं और वर्तमान में करीब 3070 मतदाता हैं। उपचुनाव के चलते पहली नवंबर से चार नवंबर तक नामंकन प्रक्रिया हुई। इसमें छह लोगों ने नामंकन दाखिल किया था। इनमें से दो लोगों ने नाम वापस ले लिया फिर सात नवंबर को कुल चार प्रत्याशी रह गए जिन्हें चुनाव चिह्न आवंटित हुए थे।

तकनीकी कारणों से चूक हुई है। समय रहते गलती को सुधारा गया है। जिसकी जानकारी चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को देते हए उन्हें नए चिह्न दे दिए गए हैं। इस संदर्भ में उच्चाधिकारियों को भी अवगत करवा दिया गया गया है। आगामी निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। -केसी रियाल, बीडीओ नूरपुर।


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