Himachal Bird Flu ALERT! पोल्ट्री फार्मों से विदेशी परिंदों में बर्ड फ्लू फैलने का संदेह, पढ़ें पूरा मामला
Himachal Pradesh Bird Flu ALERT! हिमाचल के कांगड़ा स्थित पौंग बांध क्षेत्र में विदेशी परिंदों में पोल्ट्री फार्मों से बर्ड फ्लू फैलने का संदेह है। ऐसी आशंका भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून ने जताई है। हालांकि रिपोर्ट में संक्रमण क्यों व कहां से फैला इसका स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है।
शिमला/धर्मशाला, रमेश सिंगटा। Himachal Pradesh Bird Flu ALERT, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित पौंग बांध क्षेत्र में विदेशी परिंदों में पोल्ट्री फार्मों से बर्ड फ्लू फैलने का संदेह है। ऐसी आशंका भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून ने जताई है। हालांकि रिपोर्ट में संक्रमण क्यों व कहां से फैला इसका स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। सूत्रों के अनुसार दिसंबर के अंत में जब पक्षियों की अचानक मौत हुई, तब पौंग के आसपास के इलाकों में मुर्गियों की भी मौत होने का जिक्र है। संस्थान के विशेषज्ञों ने हिमाचल का दौरा किया था। मौके में विशेषज्ञों ने जो कुछ पाया, उसकी रिपोर्ट वन विभाग को भेज दी है। विभाग अब इसे राज्य सरकार को सौंपेगा। इसमें बर्ड फ्लू रोकने के लिए वन महकमे के वन्य प्राणी विंग के प्रयासों की सराहना भी की गई है। महामारी की रोकथाम के लिए उठाए कदमों को सही दिशा में उचित कदम करार दिया गया है। महामारी से अब तक करीब पांच हजार विदेशी पक्षियों की मौत हो चुकी है। अगर इनमें अन्य वन्य पक्षियों काे भी गिना जाए तो यह आंकड़ा और अधिक हो जाता है।
कब आया था पहला मामला
पौंग बांध में 29 दिसंबर को पांच विदेशी पक्षियों की मौत का पहला मामला सामने आया था। अगले ही दिन 419 पक्षी मृत पाए गए। इसके बाद रोजाना मौतें हुईं। कांगड़ा में अन्य वन्य पक्षियों की मौत का पहला मामला सात जनवरी को आया। तब कुल 64 पक्षी मृत पाए गए थे। उसी दिन बिलासपुर में भी 16 पक्षियों की मौत हुई थी। ये कौए थे।
कहां से आते हैं परिंदे
सेंट्रल एशिया फ्लाई से विदेशी परिंदे हिमाचल की उड़ान भरते हैं। साईबेरिया से लेकर रूस, चीन व कोरिया आदि देशों से कांगड़ा जिले के पौंग झील में परिंदे आते हैं। हर साल नवंबर में करीब डेढ़ लाख पक्षी यहां आते हैं। 2019 में 133 प्रजातियों के 1.37 लाख विदेशी मेहमान आए थे। पिछले साल की गणना नहीं हो पाई। मार्च माह में ये वापस अपने देशों को लंबी उड़ान भरते हैं। पहली बार ये संक्रमण के शिकार हुए हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
- पीसीसीएफ वन्य प्राणी विंग अर्चना शर्मा का कहना है भारतीय वन्य प्राणी संस्थानों के विशेषज्ञों ने संक्रमण का ठोस कारण नहीं बताया है। रिपोर्ट जरूर भेजी है। इसका अध्ययन किया जा रहा है।
- उपनिदेशक पशुपालन कांगड़ा डा. संजीव धीमान का कहना है कांगड़ा में पौंग बांध के आसपास पोल्ट्री की मौतें नहीं हुई। केवल कौए मृत मिले थे। हम दस किलोमीटर के दायरे से बाहर के पक्षियों की निगरानी करते हैं।