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Chaitra Navratri: शक्तिपीठों में चैत्र नवरात्र के आयोजन पर खतरे के बादल, जानिए क्‍या कहता है प्रशासन

Chaitra Navratri कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ने से सरकार द्वारा 23 मार्च के बाद नियमों में बदलाव व सख्ती बढ़ाने के संकेतों के बीच शक्तिपीठों में 13 अप्रैल से 21 अप्रैल तक मनाए जाने वाले चैत्र नवरात्रों को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनती जा रही है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 01:31 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 02:04 PM (IST)
Chaitra Navratri: शक्तिपीठों में चैत्र नवरात्र के आयोजन पर खतरे के बादल, जानिए क्‍या कहता है प्रशासन
शक्तिपीठों में चैत्र नवरात्रों को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनती जा रही है।

ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रदेश में भी संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ने से सरकार द्वारा 23 मार्च के बाद नियमों में बदलाव व सख्ती बढ़ाने के संकेतों के बीच जिला कांगड़ा के शक्तिपीठों सहित ऊना के चिंतपूर्णी तथा जिला बिलासपुर के नयना देवी मंदिर में 13 अप्रैल से 21 अप्रैल तक मनाए जाने वाले चैत्र नवरात्रों को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनती जा रही है। सरकार द्वारा राज्य के कई जिलों में आयोजित होने वाले मेलों तथा बड़े धार्मिक आयोजनों पर 23 के बाद पाबंदी के निर्देशों के कारण आशंका जताई जा रही है कि कहीं गत वर्ष की ही तरह यह नवरात्र भी कोरोना की भेंट न चढ़ जाएं।

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बीते साल भी मार्च अप्रैल में होने वाले नवरात्र कोरोना के कारण नहीं हो पाए थे। हालांकि पूरे देश में 22 मार्च को लॉकडाउन शुरू हुआ था। लेकिन मंदिरों में देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मदे्देनजर 17 मार्च 2020 को ही तमाम मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे। लगभग सात महीने के बाद 10 सितंबर को सूबे के मंदिर सरकार द्वारा जारी एसओपी के तहत खुले थे। फरवरी 2021 से मंदिरों के गर्वग्रह भक्‍तों के लिए खोले गए हैं।

अब एक बार फिर सरकार द्वारा बड़े धार्मिक आयोजनों पर पाबंदी के कारण नवरात्र के आयोजन पर संदेह बन रहा है। हालांकि सरकार ने फिलहाल मंदिर खुले रखने की बात कही है। लेकिन तय किया है कि एसओपी के तहत ही दर्शन करवाएं जाएंगे। सूबे के चारों शक्तिपीठों में नवरात्र के दौरान पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा व दिल्ली से श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती है। ऐसे में इन राज्यों में आने वाले दो सप्ताह में स्थिति और बिगड़ी तो सूबे में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

बढ़ रही हैं व्यापारियों की मुश्किलें

कोरोना की दूसरी लहर आते ही पंजाब में बढ़ रही बंदिशों के बीच सूबे में भी इसका सीधा असर दिखना शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं की आवक एकाएक कम हुई है तथा व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाबा बड़भाग सिंह मेलों पर भी बंदिशों के बाद शक्तिपीठों में भी रौनक गायब होने लगी है।

सरकार से चर्चा के बाद होगा फैसला

उपायुक्त कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति का कहना है शक्तिपीठों में नवरात्र को लेकर किस तरह की व्यवस्थाएं करनी हैं, इस पर जिला प्रशासन सरकार से वार्ता के बाद ही कुछ तय करेगा। लेकिन इतना तय है कि जो भी होगा महामारी से बचाव व मानकों को ध्यान में रखकर ही होगा।


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