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धर्मशाला रोपवे पर पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने लगाए आरोप कहा, सरकार ने डाला सबकी जान को खतरे में

राष्ट्रीय सचिव पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने धर्मशाला रोपवे के आनन फ़ानन में किए गए उद्घाटन और अब चार दिन बाद इसे बंद कर दिए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जारी बयान में कहा कि जब रोपवे पूरी तरह तैयार नहीं था

By Richa RanaEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 01:06 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 01:06 PM (IST)
धर्मशाला रोपवे पर पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने लगाए आरोप कहा, सरकार ने डाला सबकी जान को खतरे में
सुधीर शर्मा ने धर्मशाला रोपवे के आनन फ़ानन में किए गए उद्घाटन पर सवाल उठाए हैं।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने धर्मशाला रोपवे के आनन फ़ानन में किए गए उद्घाटन और अब चार दिन बाद इसे बंद कर दिए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जारी बयान में कहा कि जब रोपवे पूरी तरह तैयार नहीं था तो उद्घाटन करवा कर मुसाफ़िरों की जान को ख़तरे में क्यों डाला गया। लाइटनर कंपनी के इंजीनियर की बात को क्यूं नहीं टाटा के स्थानीय प्रबंधन ने माना। क्या यह सत्य नहीं है की इसी इंजीनियर ने दो जगह रोप पर लाल निशान उद्घाटन से पहले लगवा कर चेतावनी दी थी।

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उद्घाटन से पहले टेकनिकल क्लीयरेंस और फ़िट्नेस सर्टिफ़िकेट किस ने जारी किए? इससे स्पष्ट होता है की रोपवे यातायात के लिए 100 प्रतिशत फ़िट नहीं था। यह काम कपेस्टी पर चल रहा था और टेस्ट फेल हो चुका था जिसे सबसे छुपाया गया। इस बात को रोपवे (टाटा) कंपनी जानती थी कि रोप ज्वाइंट ठीक करने के लिए इसे बंद करना पड़ेगा जिस बात को उन्होंने गुप्त रखा। रोपवे के साथ करार में यह शर्त थी कि एक हज़ार व्यक्ति एक घंटे में सफ़र करेंगे पर रोपवे मात्र 650 लोगों की ही क्षमता रखता है।

सभी प्राजेक्ट्स में 75 प्रतिशत रोज़गार स्थानीय लोगों को देना अनिवार्य होने के बावजूद बाहर के लोगों को भर्ती किया गया है। टेक आफ़ प्वाइंट पर पार्किंग का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। जो सरकार और रोपवे कंपनी का आवश्यक अनुबंध हुआ है उसमें भारी अनियमिताएं हुई हैं। जितना कमर्शियल एरिया रोपवे कंपनी को इस्तेमाल करना था उससे लगभग 75 प्रतिशत अधिक एरिया कंपनी को दे दिया गया है। इन सब बातों से पता चलता है जहां एक तरफ़ टाटा रोपवे कंपनी की लापरवाही रही है वहीं दूसरी तरफ़ सरकार ने सिर्फ़ अपना फटा लगाने के अलावा इतने बड़े प्रोजेक्ट को गंभीरता से नहीं लिया। जिस वजह से कई लोगों की ज़िंदगी को दांव पर लगाया गया है।


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