पहली से योग और संगीत विषय पढ़ेंगे विद्यार्थी
स्कूलों में विद्यार्थी अब पहली कक्षा से योग और संगीत भी पढ़ेंगे। पहली से पांचवीं कक्षा तक इन दोनों विषयों को अनिवार्य कर दिया है। नए शैक्षणिक सत्र से इन विषयों को शुरू कर दिया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।
शिमला, जागरण संवाददाता। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी अब पहली कक्षा से योग और संगीत भी पढ़ेंगे। पहली से पांचवीं कक्षा तक इन दोनों विषयों को अनिवार्य कर दिया गया है। नए शैक्षणिक सत्र से इन विषयों को शुरू कर दिया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।
इन विषयों को पढ़ाने के लिए अलग से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाएगी। स्कूलों में मौजूद कनिष्ठ बुनियादी शिक्षक (जेबीटी), मुख्य शिक्षक (एचटी), केंद्रीय हेड टीचर (सीएचटी) ही इन विषयों को पढ़ाएंगे। नई शिक्षा नीति में इसका प्रविधान किया गया है। पिछले सप्ताह शिक्षा नीति को लागू करने के लिए आयोजित बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की गई थी। बैठक में नए सत्र से इन दोनों विषयों को पढ़ाने का निर्णय लिया था। अवर सचिव शिक्षा कुलतार सिंह राणा की ओर से इस संबंध में प्रारंभिक शिक्षा विभाग को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा है कि इसके लिए सारी व्यवस्थाएं बनाएं। स्टेट काउंसिल आफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेङ्क्षनग (एससीईआरटी) सोलन इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग देगी।
मानसिक शांति और संबल प्रदान करते हैं योग और संगीत
योग और संगीत मानसिक शांति और संबल प्रदान करते हैं। यह दोनों कोरोना को हराने के लिए जरूरी रोग प्रतिरोधक क्षमता और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार संगीत सुनने या गुनगुनाने से मानसिक स्थिति बेहतर होती है, जबकि योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। संगीत और योग का मेल संतुलित मस्तिष्क और जीवन के लिए जरूरी है। ध्यान और प्राणायाम से तनाव, ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण, दिल की बीमारियों का खतरा कम होने के साथ ही मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। विभाग का कहना है कि विद्यार्थियों को जब पहली कक्षा से इनके बारे में बताया जाएगा तो यह उनके जीवन का अहम हिस्सा बनेगा।
सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा का पाठ पढ़ेंगे विद्यार्थी
प्रदेश के स्कूलों और कालेजों के विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ाया जाएगा। विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए शिक्षण संस्थानों में विभाग अभियान चलाने जा रहा है। इसके लिए हर कालेज और स्कूल में रोड सेफ्टी क्लब भी बनाए जाएंगे। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा की ओर से इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है।
परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की भी इसके लिए मदद ली जाएगी। स्कूलों के शिक्षक यातायात पुलिस की भूमिका में दिखाई देंगे। वे विद्यार्थियों को यातायात नियमों की जानकारी देंगे। इसके लिए उन्हें यातायात नियमों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। यातायात नियमों की जानकारी न होने के कारण आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को मिनी अवेयरनेस सेंटर बनाने को कहा है। अवेयरनेस सेंटर को इस तरह डिजाइन किया जाएगा, ताकि विद्यार्थी उससे सीख सकें। इसमें नियमों से लेकर कानूनी पहलुओं की जानकारी दी जाएगी।