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प्री प्राइमरी कक्षाओं ने रोका सरकारी स्‍कूलों से ड्रॉपआउट, 500 और स्कूलों में शुरू होंगी कक्षाएं

Student in Govt Schools हिमाचल के सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाओं (नर्सरी) ने दाखिलों की संख्या बढ़ा दी है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 09:56 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 03:38 PM (IST)
प्री प्राइमरी कक्षाओं ने रोका सरकारी स्‍कूलों से ड्रॉपआउट, 500 और स्कूलों में शुरू होंगी कक्षाएं
प्री प्राइमरी कक्षाओं ने रोका सरकारी स्‍कूलों से ड्रॉपआउट, 500 और स्कूलों में शुरू होंगी कक्षाएं

शिमला, अनिल ठाकुर। हिमाचल के सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाओं (नर्सरी) ने दाखिलों की संख्या बढ़ा दी है। यही वजह है कि अब प्रदेश के 500 और स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र से प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जा रही है। विभागीय स्तर पर इसके लिए औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। फरवरी में होने वाली प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) इसके लिए केंद्र से बजट की मांग उठाएगा। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में लगातार घटती एडमिशन के बाद निजी स्कूलों की तर्ज पर नर्सरी कक्षाएं शुरू की हैं।

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अक्टूबर 2018 में कुछ स्कूलों में कक्षाएं शुरू की गई। 2019 में 47,364 बच्चों ने प्री प्राइमरी कक्षाओं में दाखिला लिया। प्रदेश के 4741 स्कूलों में कक्षाएं चल रही हैं। शिक्षा विभाग का दावा है कि यह बच्चे इस साल पहली कक्षा में दाखिला लेंगे। ऐसे में सरकारी स्कूलों में जारी ड्रॉपआउट रुकेगा।

नए सत्र से मिड डे मील भी मिलेगा

नर्सरी कक्षा के बच्चों को अभी मिड डे मील की व्यवस्था के लिए बजट का प्रावधान नहीं है। दोपहर के भोजन के लिए केंद्र सरकार 90:10 के अनुपात में राज्य को बजट देती है। यह बजट पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों पर खर्च किया जाता है। अब राज्य सरकार बजट से प्री प्राइमरी कक्षा के लिए मिड डे मील देगी। इस प्रस्ताव को कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजा गया है। मॉडर्न क्लास रूम भी बनाए जा रहे हैं।

मुफ्त में पाठ्य सामग्री

एसएसए ने नर्सरी में दाखिला लेने के लिए छात्रों को अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया है। खेल-खेल में ही बच्चे आसानी से सीख पाएं, ऐसा पाठ्यक्रम तैयार किया है। बच्चों को मुफ्त में किताबें दी जाएंगी। कमरों की दीवारों पर चित्रकला होगी व बैठने के लिए डेस्क की व्यवस्था की गई है।

चार साल में एक लाख कम हुए विद्यार्थी

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या लगातार घट रही थी। पिछले चार साल में करीब एक लाख विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में कम हुए। इसके बाद सरकार ने स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के साथ नर्सरी कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया। पहले साल से इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अब नर्सरी कक्षा में बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे आगे की कक्षाओं में भी अधिक दाखिले होंगे।

नर्सरी शुरू करने से स्कूलों में अब तक 47,500 एडमिशन बढ़ी हैं। अभी प्रदेश के 4741 स्कूलों में नर्सरी कक्षाएं शुरू की गई हैं। इस साल करीब 500 और स्कूलों में इसे शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए जिलों से डिमांड पूछी गई है। जेबीटी अध्यापकों को नर्सरी कक्षाएं पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें इसके लिए और ट्रेङ्क्षनग करवाई जाएगी। -आशीष कोहली, राज्य परियोजना निदेशक एसएसए


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