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ढ़ागूपीर में एनएच पर घूमते बेसहारा पशु बन रहे हादसों का कारण

डमटाल से लेकर मोहटली सूरजपुर तक सड़क में बेसहारा पशु घूमते रहते हैं। डमटाल हिल टाप मंदिर पर घूम रहे बेसहारा पशु आए दिन हादसों को न्‍योता दे रहे हैं। बेसहारा पशुओं को पकड़ कर स्थानीय गौशाला डमटाल में छोड़ कर समस्या का शीघ्र समाधान करें।

By Richa RanaEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 11:16 AM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 11:16 AM (IST)
ढ़ागूपीर में एनएच पर घूमते बेसहारा पशु बन रहे हादसों का कारण
डमटाल से लेकर मोहटली सूरजपुर तक सड़क में बेसहारा पशु घूमते रहते हैं।

ढ़ागूपीर, जेएनएन। डमटाल से लेकर मोहटली सूरजपुर तक सड़क में बेसहारा पशु घूमते रहते हैं। डमटाल हिल टाप मंदिर पर घूम रहे बेसहारा पशुओं से आए दिन हादसे हो रहे हैं। दिन के समय तो फिर भी वाहन चालकों को पशु दिखाई देते हैं, लेकिन रात के समय यह बेसहारा पशु दिखाई नहीं देते हैं। इस कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है सब कुछ देखते  और जानते  हुए भी प्रशासन आंखें मूंदकर बैठा हुआ है।

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 स्थानीय लोगों ने रोष जताया है लोगों का कहना है कि इन बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हो रहा है। प्रशासन को चाहिए कि इन बेसहारा पशुओं को पकड़ कर स्थानीय गौशाला डमटाल में छोड़ कर समस्या का शीघ्र समाधान करें। विश्व हिंदू परिषद इंदौरा के प्रखंड मंत्री सुनील दत, वरुण कौशिक, अंकुश पठानिया, राजीव वशिष्ठ, विवेक कटोच, शालू, अशोक, प्रधान बेली मंहता सूरजपुर नरेश पाल मेहरा, मोहटली पंचायत प्रधान सुरिंद्र पाल राजू ने कहा कि राष्ट्रीय मार्ग डमटाल पर रोज हजारों की संख्या में वाहन अपने गंतव्य के लिए आते जाते हैं।

वहीं मार्ग में बेसहारा पशुओं के झूंड की घूमते रहते हैं, जोकि  एकाएक सड़क के बीच आ जाते हैं। कई बार भागते हुए सड़क के बीचों बीच आ जाते हैं इस कारण वाहन चालकों को का अपने वाहन से नियंत्रण करने में काफी परेशानी करनी पड़ती है। कई बार इन पशुओं को बचाते बचाते हादसे चालक सड़क हादसे के शिकार भी हो चुके हैं।

लोगों का कहना है कि अक्सर जब पशु दूध देना बंद कर देते हैं तो उन्हें सड़क पर छोड़ देते हैं। ऐसे में यह पशु अपने चेहरे की तलाश में सड़क के किनारे अपना आशियाना ढूंढते हैं और राष्ट्रीय मार्ग पर सड़क के बीचों बीच लगाए गए पेड़ पौधों के स्थान पर अपना रुख करते हैं। जहां हरियाली होती है इसी दौरान ही इनके चलते आए दिन दुर्घटनाएं हो जाती है। ने मांग की है कि पशुपालक अपने पशुओं को बेसहारा छोड़ते हैं उनके खिलाफ भी प्रशासन ठोस कार्रवाई अमल में लाए जाए। उधर एसडीएम इंदौरा सोमिल गौतम ने बताया कि बेसहारा पशुओं को नियमों के अनुसार समय समय पर गोसदनों में भेजा जाता है, लेकिन लोग अपने पशुधन को बेसहारा छोड़ देते हैं। रात के अंधेरे में लोग इन्हें सड़क पर छोड़ जाते हैं। आसपास के लोग यहां अपने पशु नहीं छोड़ते वक्त गाड़ियों के माध्यम से चुपचाप अपने पशु छोड़ जाते हैं। ऐसे लोगों पर प्रशासन निगरानी रखे हुए हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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