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धर्मशाला में विशेषज्ञ दे रहे कोविड अस्‍पताल में ड्यूटी, चिकित्‍सा अधिकारियों के हवाले आेपीडी

Covid Hospital कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग अन्य मरीजों के अलावा कोरोना संक्रमितों व उनके संपर्क में आए लोगों पर खास ध्यान दे रहा है। जिला में बड़े अस्पतालों के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी मरीजों का ध्यान रखा जा रहा है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 03:21 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 03:21 PM (IST)
धर्मशाला में विशेषज्ञ दे रहे कोविड अस्‍पताल में ड्यूटी, चिकित्‍सा अधिकारियों के हवाले आेपीडी
क्षेत्रीय अस्‍पताल धर्मशाला में मरीजों की संख्‍या में काफी कमी आई है।

धर्मशाला, नीरज व्‍यास। कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग अन्य मरीजों के अलावा कोरोना संक्रमितों व उनके संपर्क में आए लोगों पर खास ध्यान दे रहा है। जिला में बड़े अस्पतालों के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी मरीजों का ध्यान रखा जा रहा है। लेकिन बड़ी बात यह भी है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में टेस्ट न हो पाने के कारण मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए धर्मशाला या टांडा मेडिकल कॉलेज का का रुख करना पड़ रहा है। अल्ट्रासाउंड के लिए भी मरीज मेडिकल कॉलेज जा रहे थे, लेकिन अब क्षेत्रीय चिकित्सालय अस्पताल में मरीजों की अल्ट्रासाउंड सुविधा बहाल कर दी है।

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क्षेत्रीय चिकित्सालय में मंगलवार को व्यवस्था का जायजा लिया। पड़ताल में पाया कि ओपीडी में विशेषज्ञ चिकित्सकों की जगह चिकित्सा अधिकारी सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि दवाएं अस्पताल की डिस्पेंसरी में उपलब्ध हैं। कोरोना काल से पहले यहां पर ओपीडी प्रतिदिन एक हजार तक थी वर्तमान में 350 तक पहुंची है। क्षेत्रीय चिकित्सालय धर्मशाला को कोविड अस्पताल बनाया गया है। यहां पर ओपीडी तो चल रही हैं पर इनडोर मरीजों दाखिल नहीं किया जा रहा है। सिर्फ कोरोना संक्रमित मरीजों को ही दाखिल किया जा रहा है। पड़ताल में पाया कि मरीजों के टेस्ट व एक्सरे हो रहे हैं। हालांकि एक्सरे करवाने वालों की संख्या कम है। धर्मशाला के आस-पास के क्षेत्रों में मौजूद पीएचसी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र एक-एक चिकित्सक के सहारे चल रहे हैं।

मनोरोग विशेषज्ञ व मेडिसन ओपीडी रही बंद

क्षेत्रीय चिकित्सालय धर्मशाला में मंगलवार को मनोरोग विशेष व मेडिसन की ओपीडी बंद पाई। पड़ताल करने पर पता चला कि अस्पताल में मनोरोग विशेष डॉक्टर व मेडिसन के विशेषज्ञ चिकित्सक की ड्यूटी भी कोविड में लगी है। जिस कारण यह दोनों ओपीडी बंद हैं। मनोरोग के मरीजों को ओपीडी बंद होने के कारण बेरंग लौटना पड़ा। पता चला कि मनोरोग विशेषज्ञ की ड्यूटी तो एक माह के लिए कोविड मरीजों की देखभाल के लिए लगी है, जबकि अन्य विशेषज्ञों की ओपीडी को चिकित्सा अधिकारियों के सहारे चलाया जा रहा है। धर्मशाला कोविड-19 अस्पताल में 24 घंटे मरीजों की देखभाल के लिए पांच डाक्टर तैनात हैं।

इमरजेंसी में आने वाले मरीज का ओपीडी कक्ष में हो रहा बीपी चेक

आपातकालीन कक्ष और ओपीडी में आने वाले मरीजों के बीपी (ब्लड प्रेशर) की जांच क्षेत्रीय चिकित्सालय के ओपीडी कक्ष नंबर 109 में करवानी पड़ रही है। जिस कारण आपातकालीन सेवा में उपचार को आने वाले मरीजों को समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। आपातकालीन सेवाएं इन दिनों आइ यूनिट के भवन में चल रही हैं। यह पहले क्षेत्रीय चिकित्सालय में चलती थी। इससे भी मरीजों को परेशानी हो रही है।

डॉक्टर न होने पर मरीज करते हैं निजी अस्पताल व टांडा का रुख

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खनियारा, दाड़ी, बगली मंदल व तियारा एक-एक चिकित्सक के सहारे चल रहा है। अगर चिकित्सक न हो तो यहां पर फार्मासिस्ट व्यवस्था को संभालतें हैं। लेकिन दोनों न हो तो मरीजों को उपचार के लिए क्षेत्रीय चिकित्सालय व टांडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का रुख करना पड़ता है। या ज्यादातर मरीज नजदीकी निजी अस्पतालों का सहारा लेते हैं, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। इन अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे व टेस्ट की सुविधा नहीं है।

सभी ओपीडी चलाई जा रहीं : डॉक्‍टर दत्‍ता

कोविड अस्पताल व क्षेत्रीय चिकित्सालय धर्मशाला के कार्यकारी वरिष्‍ठ च‍िकित्‍सा अधीक्षक डॉक्‍टर अजय दत्‍ता का कहना है अस्ताल में 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं जारी रखी हैं। सभी ओपीडी को भी चलाया जा रहा है। कोई भी ओपीडी बंद नहीं है। चिकित्सक कोरोना मरीजों के बेहतर उपचार को भी राउंड द क्लॉक ड्यूटी दे रहे हैं। दवाइयों की कोई भी कमी अस्पताल में नहीं हैं। सभी प्रकार के टेस्ट अस्पताल में हो रहे हैं।

मरीजों में कमी पर सुविधाओं में नहीं

खंड चिकित्‍सा अध‍िकारी तियारा डॉ. संजय भारद्वाज का कहना है पीएचसी खनियारा, दाड़ी, बगली, मंदल, इच्छी व तियारा में चिकित्सक उपलब्ध हैं। यहां पर 168 तरह की दवाएं भी उपलब्ध हैं, कोरोना काल के दौरान 30 से 40 फीसद मरीजों की संख्या में कमी आई  है पर सुविधा में कोई कमी नहीं है।


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