Gupt Navratri 2020: गुप्त नवरात्र पर ज्वालामुखी शक्ितपीठ में विश्व कल्याण और शांति के लिए जप
Gupt Navratri 2020 विश्वविख्यात शक्ितपीठ श्रीज्वालामुखी माता मंदिर में शनिवार को गुप्त नवरात्र शुरू हो गई।
ज्वालामुखी, पंकज सोनी। विश्वविख्यात शक्ितपीठ श्रीज्वालामुखी माता मंदिर में शनिवार को गुप्त नवरात्र शुरू हो गई। इस उपलक्ष्य पर पुजारी वर्ग विश्व कल्याण और विश्व शांति के लिए जप करेगा। पूजा पाठ लगातार नौ दिन तक चलेगा। यह गुप्त नवरात्र 3 फरवरी तक चलेंगे। विश्वविख्यात ज्वालामुखी मंदिर में गुप्त नवरात्रों का शुभारंभ विशेष तौर पर एसडीएम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा ने विधिवत पूजन, सकंल्प व कन्या पूजन से किया। एसडीएम ने नवरात्र के दौरान अनुष्ठान पर बैठने वाले ब्राह्मणों और पुजारियों को संकल्प दिलाया।
एसडीएम अंकुश शर्मा व पुजारी प्रशांत ने बताया कि गुप्त नवरात्र के दौरान विश्व शांति व विश्व कल्याण के लिए मां ज्वाला के मूल मंत्र, बटुक भैरव, गणपति, गायत्री व अन्य जप व पाठ किए जाएंगे। नौवें दिन हवन किया जाएगा। इस मौके पर देहरा की न्यायाधीश शीतल शर्मा ने भी मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना की| इस अवसर पर मंदिर अधिकारी विशन दास, मंदिर न्यास सदस्य पुजारी मधुसूदन शर्मा, पुजारी प्रशांत, जेपी दत्ता, पुजारी सौरभ शर्मा, त्रिलोक चौधरी सहित मंदिर न्यास के कर्मचारी कमल कांत, बलदेब, मनोहर व अन्य पुजारी वर्ग भी उपस्थित था। पुजारी मधुसदन, प्रवीन शास्त्री व संदीप शर्मा ने बताया आयोजन में भाग लेने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
जिला कांगड़ा के तीनों शक्ितपीठों में गुप्त नवरात्र पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। कांगड़ा स्थित बज्रेश्वरी देवी मंदिर और चामुंडा माता मंदिर के प्रति लोगों में गहरी आस्था है। हर साल यहां हजारों लाखों श्रद्वालु दर्शन करने पहुंचते हैं। मंदिर प्रशासन की ओर से भक्तों की भीड़ को देखते हुए विशेष व्यवस्था की जाती है।
इस तरह पहुंचे मंदिर
जिला कांगडा़ के तीनों शक्ितपीठों में पहुंचने के लिए हवाई समेत रेल सेवा के विकल्प उपलब्ध हैं। कांगड़ा के गगल स्थित एयरपोर्ट से कांगड़ा के बज्रेश्वरी शक्ितपीठ की दूरी मात्र 15 किलोमीटर है, जहां टैक्सी व बसों में आसानी से मंदिर पहुंचा जा सकता है। चामुंडा मंदिर करीब 20 किलोमीटर और ज्वालामुखी शक्ितपीठ करीब 40 किलोमीटर दूर है। तीनों शक्ितपीठों के लिए एयरपोर्ट से टैक्सी व बसों के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा कांगड़ा से 80 किलोमीटर दूर पठानकोट से रेल सेवा भी उपलब्ध है। इसके अलावा कांगड़ा घाटी की नैरोगेज रेल सेवा भी उपलब्ध है।