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14 साल बाद मिलना था संतान सुख, चेहरा तक नहीं देख पाया पिता

रक्षपाल धीमान नगरोटा सूरियां समीपवर्ती पंचायत बरियाल की गर्भवती चेतना ठाकुर को क्या पता था कि शादी के बाद 14 साल तक संतान प्राप्ति का इंतजार करने वाला पति विनोद कुमार अपनी औलाद का चेहरा नहीं देख पाएगा। विनोद कुमार असम राइफल में नगालैंड में तैनात थे। 42 वर्षीय जवान की रविवार को ड्यूटी के दौरान हृदयाघात से मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 05:52 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 05:52 AM (IST)
14 साल बाद मिलना था संतान सुख, चेहरा तक नहीं देख पाया पिता
14 साल बाद मिलना था संतान सुख, चेहरा तक नहीं देख पाया पिता

-बरियाल निवासी सैनिक की नगालैंड में हृदयाघात से मौत

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-मंगलवार को पैतृक गांव में हुई ससम्मान अंत्येष्टि

-छोटे भाई ने दी मुखाग्नि, गोद ली नौ वर्षीय बच्ची ने सेल्यूट कर दी अंतिम विदाई

रक्षपाल धीमान, नगरोटा सूरियां

समीपवर्ती पंचायत बरियाल की गर्भवती चेतना ठाकुर को क्या पता था कि शादी के बाद 14 साल तक संतान प्राप्ति का इंतजार करने वाला पति विनोद कुमार अपनी औलाद का चेहरा नहीं देख पाएगा। विनोद कुमार असम राइफल में नगालैंड में तैनात थे। 42 वर्षीय जवान की रविवार को ड्यूटी के दौरान हृदयाघात से मौत हो गई।

सैनिक की पार्थिव देह मंगलवार को बरियाल पहुंची तो माहौल गमगीन हो गया। गर्भवती पत्नी का बुरा हाल था। मंगलवार को सैनिक की ससम्मान अंत्येष्टि कर दी गई। छोटे भाई सुनील ने मुखाग्नि दी। इससे पहले गोद ली नौ वर्षीय एंगल गुलेरिया ने सैनिक पिता को सेल्यूट कर श्रद्धाजंलि दी। शादी के बाद पांच साल तक संतान न होने के कारण नौ साल पहले विनोद कुमार ने साले की बेटी को गोद लिया था। सैनिक के परिवार में अब गर्भवती पत्नी चेतना ठाकुर, माता सत्या देवी व गोद ली बेटी है। इंदौरा निवासी चेतना ठाकुर की शादी विनोद कुमार के साथ हुई थी। 14 साल बाद चेतना गर्भवती हुई थी व कुछ ही दिन बाद उनके घर संतान की खुशियां आने वाली हैं। विनोद कुमार डेढ़ महीना पहले ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटे थे। उन्होंने पत्नी को फोन पर बताया था कि वह 10 दिसंबर को दोबारा छुट्टी आएंगे। स्वजन को यह पता नहीं था कि बच्चे के जन्म से पहले ही विनोद की पार्थिव देह घर पहुंच जाएगी। विनोद के पिता भी सेना से ही सेवानिवृत्त हुए थे। पार्थिव देह लेकर आए हवलदार राजिदर कुमार ने बताया कि विनोद कुमार ड्यूटी पर तैनात थे और हृदयाघात से मौत हुई है। जवान की अंतिम यात्रा में जवाली के विधायक अर्जुन ठाकुर, लघु बचत सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष संजय गुलेरिया, प्रधान गुरदयाल गुलेरिया, उपप्रधान कवि गुलेरिया व जिला कांगड़ा कांग्रेस उपाध्यक्ष राजिदर राणा समेत सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।

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जबलपुर में आत्महत्या करने वाले दंपती का हुआ अंतिम संस्कार

संवाद सूत्र, राजा का तालाब : जबलपुर सेना सेंटर में आत्महत्या करने वाले दंपती पंकज व सुनीता के शव मंगलवार को पैतृक गांव ठेहडू सुनेट पहुंचे और दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। सुनीता गर्भवती थी। पंकज आठ महीने पहले ही सेना में भर्ती हुआ और जबलपुर में तैनात था। 27 नवंबर को सुनीता ने क्वार्टर में फंदा लगा लिया था। इससे आहत होकर पंकज ने कमरे के बाहर फंदा लगाकर जान दे दी थी। सैन्य अधिकारियों ने इस बाबत सूचना पंकज के स्वजन को दी थी। मंगलवार को सेना के जवान दंपती के शव लेकर ठेहडू सुनेट पहुंचे। पंचायत प्रधान हरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि उन्हें भी इस बाबत जानकारी फोन के माध्यम से मिली थी। उन्होंने पंकज व सुनीता की मौत पर दुख जताया है।


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