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टांडा के हाल: लाखों का सोलर सिस्‍टम लगाया पर गर्म पानी एक बार भी नहीं आया, पढ़ें पूरा मामला

TMC Solar System टांडा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की छत पर स्थापित सोलर वाटर हीटर सिस्टम एंड ट्रीटमेंट ब्लॉक कबाड़ हो गया।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 03:34 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 03:34 PM (IST)
टांडा के हाल: लाखों का सोलर सिस्‍टम लगाया पर गर्म पानी एक बार भी नहीं आया, पढ़ें पूरा मामला
टांडा के हाल: लाखों का सोलर सिस्‍टम लगाया पर गर्म पानी एक बार भी नहीं आया, पढ़ें पूरा मामला

कांगड़ा, तरसेम सैनी। जनता के पैसे की बेकद्री कैसे की जाती है, यह टांडा मेडिकल कॉलेज प्रशासन से अच्छा कोई नहीं जानता। अस्पताल की छत पर स्थापित सोलर वाटर हीटर सिस्टम एंड ट्रीटमेंट ब्लॉक कबाड़ हो गया लेकिन किसी अधिकारी ने यह जानने की जहमत नहीं उठाई कि इसे कैसे चलाया जाए। लाखों रुपये बर्बाद हो गए लेकिन न तो किसी मरीज और न ही डॉक्टर या अन्य स्टाफ को गर्म पानी की बूंद नसीब हो पाई।

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डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा के निर्माण के बाद इसकी छत पर सोलर वाटर हीटर सिस्टम एंड ट्रीटमेंट ब्लॉक स्थापित किया गया था। टांडा मेडिकल कॉलेज का निर्माण एचएससीसी कंपनी ने किया है। उसी ने नोएडा की एक कंपनी के माध्यम से यह सिस्टम अस्पताल की छत पर लगाया। इसका उद्देश्य था कि मरीजों, डॉक्टरों व अन्य स्टाफ को गर्म व स्वच्छ पानी मिले। वर्षों से यह सिस्टम अस्पताल की छत पर स्थापित है।

पानी गर्म करने के लिए लगाए गए सोलर पैनल बंदरों ने उछलकूद करके तोड़ दिए हैं। एक टैंक भी स्थापित किया गया है। इलेक्ट्रिक पैनल के साथ-साथ पानी लिफ्ट करने के लिए बड़ी-बड़ी मोटरें लगाई गई हैं। सूत्र बताते हैं कि कंपनी ने यह हाईटेक सिस्टम स्थापित तो कर दिया, लेकिन इसे अस्पताल प्रशासन के सुपुर्द नहीं किया गया। इतने साल तक किसी ने इसकी सुध नहीं ली। अब सब कुछ लगभग कबाड़ बन गया है। अस्पताल के रखरखाव के लिए टांडा में लोक निर्माण विभाग डिवीजन है। सभी मरम्मत कार्य लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की देखरेख में होते हैं।

अस्पताल की हर व्यवस्था देखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लंबी फौज है। सोलर वाटर हीटर सिस्टम एंड ट्रीटमेंट ब्लॉक आज तक क्यों नहीं चला? इस पर कितने पैसे खर्च हुए थे? इसे चलाने का जिम्मा किसका था? इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं हैं। सब एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं।

क्‍या कहते हैं स्‍वास्‍थ्‍य और लोनिवि अधिकारी

  • अस्पताल की छत पर सोलर वाटर हीटर सिस्टम स्थापित है। अस्पताल निर्माण के बाद इसे किसी कंपनी के माध्यम से लगवाया गया था लेकिन यह अस्पताल को हैंडओवर नहीं किया गया। मुझे सिर्फ इतनी जानकारी है। इस पर कितने पैसे खर्च हुए, क्यों यह आजतक नहीं चल पाया इस संबंध में नहीं जानता हूं। -डॉ. सुरिंद्र शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक टांडा मेडिकल कॉलेज।
  • टांडा मेडिकल कॉलेज में सोलर वाटर हीटर सिस्टम स्थापित तो है लेकिन इसे लोक निर्माण विभाग के हवाले नहीं किया गया है। इसे किसने लगाया, कितना खर्च हुआ था, यह क्यों नहीं चला, अब इसकी हालत कैसी है, इन सवालों के जवाब प्रिंसिपल या चिकित्सा अधीक्षक ही दे सकते हैं। -सुरेश वालिया, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी टांडा।

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