Video : हिमाचल में हिमपात से बढ़ी दुश्वारियां, कहीं बिजली-पानी तो कहीं दूध-ब्रेड की सप्लाई नहीं
Snowfall in Himachal प्रदेश में भारी हिमपात व बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जनजातीय जिलों में लोग घरों में कैद हैं। दूध-ब्रेड सहित अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति भी बाधित है। कई क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित होने से दुश्वारियां बढ़ गई हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Snowfall in Himachal, प्रदेश में भारी हिमपात व बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जनजातीय जिलों में लोग घरों में कैद हैं। दूध-ब्रेड सहित अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति भी बाधित है। कई क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित होने से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। प्रदेश में छह मकानों और दो गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है। 557 सड़कों पर यातायात बंद है। 450 रूट बाधित हुए हैं। 1757 ट्रांसफार्मर खराब हैं। 250 बसें विभिन्न क्षेत्रों में फंसी हुई हैं। ऊपरी शिमला का संपर्क राजधानी से कट गया है। कांगड़ा जिला के तहत गुलेर स्टेशन से आगे मलबा गिरने से पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग बाधित हो गया है। शनिवार रात पहाड़ी दरकने से मलबा ट्रैक पर आ गया। रविवार सुबह पठानकोट से बैजनाथ की ओर जाने वाली रेलगाड़ी गुलेर स्टेशन पर रोक दी गई। चार रेलगाडिय़ां बैजनाथ में फंस गई हैं।
शिमला में हिमपात pic.twitter.com/3ZGi3EdwV6
— Neeraj azad (@AneerajAzad) January 9, 2022
कड़ाके की ठंड में बिजली न होने से लोग ठिठुरने को मजबूर हैं। सड़कों से बर्फ हटाने के लिए मशीनरी लगाई गई है। शनिवार देर रात से लेकर रविवार को दिनभर हिमपात होता रहा। मौसम विभाग ने शिमला सहित मंडी, किन्नौर, चंबा, कुल्लू और लाहुल स्पीति जिला में सोमवार को भी हिमपात की आशंका जताई है। रोहतांग टनल के दोनों तरफ हिमपात के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में करीब छह डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। चंबा के साहो क्षेत्र की कीड़ी पंचायत में शनिवार रात से बिजली आपूर्ति ठप है। उधर विद्युत उपमंडल धरवाला (राख) के तहत आती पांच पंचायतों में भी शनिवार से बिजली आपूर्ति ठप है। पांगी में बिजली आपूर्ति के साथ परिवहन सेवाएं भी पूरी तरह से ठप पड़ गई हैं। मंडी जिला में 27 पेयजल योजनाएं बाधित हैं। सराज और चौहारघाटी का मंडी से संपर्क कट गया है। सोलंगनाला जा रहे पर्यटकों को प्रशासन ने मौसम की स्थिति को देखते हुए नेहरूकुंड से ही वापस मनाली भेज दिया।