Snow Festival Lahaul: जनजातीय जिला लाहुल स्पीति में इस बार खास है स्नो फेस्टिवल, दो महीने तक रहेगी धूम
Snow Festival Lahaul जनजातीय संस्कृति व विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाहुल घाटी में स्नो फेस्टिवल की शुरुआत की गई है। बर्फबारी से स्नो फेस्टिवल का रोमांच दोगुना हो गया है। 25 जनवरी को तकनीकी शिक्षा मंत्री मार्कंडेय ने केलंग में इस उत्सव की विधिवत शुरुआत की।
केलंग, जसवंत ठाकुर। Snow Festival Lahaul: जनजातीय संस्कृति व विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाहुल घाटी में स्नो फेस्टिवल की शुरुआत की गई है। बर्फबारी से स्नो फेस्टिवल का रोमांच दोगुना हो गया है। 25 जनवरी को तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कंडेय ने केलंग में इस उत्सव की विधिवत शुरुआत की। तब से हर रोज अपनी-अपनी संस्कृति के हिसाब से हर गांव में उत्सव की धूम मची हुई है। रांगलो घाटी में हालड़ा उत्सव के साथ-साथ तोद घाटी में लोसर, पटन घाटी में हालड़ा की धूम मची हुई है। फरवरी में पटृन घाटी से फागली उत्सव की शुरुआत होगी। साथ ही उडगोस, त्रिलोकनाथ, जोबरंग व मडग्रा में योर उत्सव की धूम रहेगी। स्नो फेस्टिवल से सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
लाहुल के हर गांव में उत्सव का अपना महत्व
लाहुल में पटन, गाहर, चंद्रा, तोद, तिंदी व मायड़ घाटी प्रमुख है। इन घाटियों में अपने अपने रीति रिवाज से त्योहार मनाए जाते हैं। लाहुल में सर्दियों में ही त्योहारों की धूम रहती है। छः महीने बर्फ से ढकी रहने वाली घाटी के लोग सर्दियों को उत्सव की तरह धूमधाम के साथ मताते हैं। इस बार अटल टनल खुल गई है और घाटी में नया सवेरा हुआ है। जिला प्रशासन ने सरकार के सहयोग से इन सभी त्योहारों को वहां की संस्कृति के हिसाब से एक ही मंच में मनाने का निर्णय किया और 25 जनवरी को विधिवत तकनीकी शिक्षा मंत्री ने इन उत्सवों की शुरुआत की।
देश विदेश में दिख रही उत्सव की झलक
मीडिया व इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जनजातीय जिला लाहुल स्पीति के इस स्नो फेस्टिवल की झलक देश-विदेश में दिख रही है। यह उत्सव हर गांव में अपनी संस्कृति अनुसार मनाए जा रहे हैं। इससे पहले उत्सवों में अधिकतर प्रतियोगिताएं पुरूषों के लिए ही आयोजित होती थी लेकिन इस बार गांव में महिलाओं के लिए भी कई तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।
छोटे-छोटे त्योहारों की रहेगी धूम
इस बीच छोटे मोटे त्योहारों की धूम रहेगी। फरवरी में गाहर घाटी से फागली उत्सव की शुरुआत होगी। इसी महीने उडगोस, त्रिलोकनाथ व जोबरंग में योर उत्सव की धूम रहेगी। पुना उत्सव सहित दाछांग उत्सव भी इसी महीने मनाया जाएगा। गुंनछुद और योर उत्सव की भी धूम रहेगी, जबकि विंटर फेस्टिवल के अंतिम दिन मुस्कुन पर्व की धूम रहेगी। यह उत्सव तोद घाटी में 10 से 12 मार्च तक मनाया जाएगा। उत्सव के समापन में बहुत बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा इसमें हर घाटी के लोग शिरकत करेंगे।
पर्यटकों को संस्कृति से रूबरू करवाने की पहल : मंत्री
तकनीक शिक्षा मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कंडेय का कहना है राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को जिला लाहुल स्पीति की सांस्कृतिक विरासत, देव परंपराओं, पारंपरिक पहनावों, खान पान, रहन सहन व जनजातीय त्योहारों से रूबरू करवाने के लिए स्नो फेस्टिवल की शुरुआत की गई है। इस उत्सव से लाहुल स्पीति को पर्यटन की दृष्टि से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर लाने का बेहतर प्रयास किया गया है। हर गांव में घाटी में उत्सव की धूम रहेगी। लाहुल घाटी में यह स्नो फेस्टिवल दो महीने तक मनाया जाएगा। जनजातीय संस्कृति ओर पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्नो फेस्टिवल मनाया जा रहा है। लाहुल स्पीति में विंटर टूरिज्म को प्रमोट करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे।