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हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण और ईंधन में उपयोग हो रहा 60 टन प्लास्टिक कचरा, पढ़ें पूरा मामला

Plastic Garbage Use in Himachal पालीथीन हटाओ पर्यावरण बचाओ अभियान के माध्यम से हर वर्ष करीब 60 टन प्लास्टिक कचरा एकत्रित कर उसका उपयोग सड़क निर्माण और सीमेंट उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जा रहा है। प्रदेश में 190 किलोमीटर प्लास्टिक की सड़कें बनाई गई।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 08:48 AM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 08:48 AM (IST)
प्लास्टिक कचरा एकत्रित कर उसका उपयोग सड़क निर्माण और सीमेंट उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जा रहा है।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Plastic Garbage Use in Himachal, पालीथीन हटाओ पर्यावरण बचाओ अभियान के माध्यम से हर वर्ष करीब 60 टन प्लास्टिक कचरा एकत्रित कर उसका उपयोग सड़क निर्माण और सीमेंट उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जा रहा है। प्रदेश में 190 किलोमीटर प्लास्टिक की सड़कें बनाई गई। प्रदेश में प्लास्टिक पैकेजिंजग के कूड़े से उत्पन्न समस्या से निपटने के लिए नान-साइकलेबल प्लास्टिक अपशिष्ट 75 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदने के लिए बाय-बैक पॉलिसी शुरू की है। इसके तहत अब तक 1,35,600 किलो प्लास्टिक खरीदा गया, जिसके लिए 87 लाख रुपये का भुगतान किया गया।

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यह बात प्रधान सचिव पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केके पंत ने शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सचिवालय में वर्चुअल माध्यम से हुए राज्यस्तरीय कार्यक्रम में कही। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होना था, लेकिन वह शामिल नहीं हो सके।

पंत ने कहा कि आइआइटी मंडी के विशेषज्ञों के सहयोग से लैंड स्लाइड अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया है। पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली भी विकसित की है। उन्होंने कुल्लू जिला की जलवायु परिवर्तन मूल्यांकन रिपोर्ट भी जारी की। कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में कार्यरत आरुषी ठाकुर का निर्मित व राजेश का निर्देशित लघु वृतचित्र भी प्रदर्शित किया।

निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सुदेश कुमार मोक्टा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौतियों के दृष्टिगत राज्य सरकार ने कारगर कदम उठाए हैं। इस अवसर पर अतिरिक्त सचिव पर्यावरण मंत्रालय केंद्र सरकार रिचा शर्मा, जर्मनी सरकार के प्रतिनिधि मुहम्मद अल खवाद, जीआइजेड जर्मनी के निदेशक आशीष चतुर्वेदी, वरिष्ठ नीति सलाहकार कीर्तिमान अवस्थी ने भी हिस्सा लिया। सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डा निपुण जिंदल, संयुक्त सचिव वन सतपाल धीमान और प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी सुरेश अत्री शिमला सेे कार्यक्रम में उपस्थित हुए।

विद्यार्थियों ने पोस्टर बनाकर किया जागरूक

शिमला। राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घणाहट्टी में कोविड काल में ऑनलाइन पढ़ाई के साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करवाया जा रहा है. शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर एनएसएस के स्वयंसेवी अपने घरों के आसपास कोविड-19 महामारी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए पोस्टर लगा रहे है. समाज से नशे जैसी बीमारी को दूर करने के लिए लोगों को कोविड वैक्सीन लगाने के लिए भी प्रेरित कर रहे है.

एनएसएस के 400 स्वयं सेवकों ने मनाया पर्यावरण दिवस

जिला के विभिन्न राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस)  इकाइयों के माध्यम से पर्यावरण दिवस मनाया गया । इस उपलक्ष पर 400 से अधिक स्वयंसेवियो ने अपने अपने कार्यक्रम अधिकारी के दिशा निर्देश में सराहनीय कार्य किया।


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