बार हैडेड गीज प्रजाति के छह और प्रवासी परिंदे पौंग झील के पास पाए गए मृत
पौंग झील में प्रवासी पक्षियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार को बार हैडेड गीज प्रजाति के छह और प्रवासी परिंदे वन्यप्राणी विभाग ने पौंग झील क्षेत्र में मृत प्राप्त किए। पौंग झील में प्रवासी पक्षियों के मरने की संख्या 42 हो गई है।
नगरोटा सूरियां, जेएनएन। पौंग झील में प्रवासी पक्षियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार को बार हैडेड गीज प्रजाति के छह और प्रवासी परिंदे वन्यप्राणी विभाग ने पौंग झील क्षेत्र में मृत प्राप्त किए। पौंग झील में प्रवासी पक्षियों के मरने की संख्या 42 हो गई है। विभाग ने वीरवार को 14 मृत प्रवासी पक्षियों के सैम्पल भोपाल व जालंधर लैब में भेजे है। जिनकी अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।
रिपोर्ट आने के बाद ही पक्षियों किमुत के कारणों का पता चल पाएगा। फिलहाल विभाग ने पौंग झील क्षेत्र में पर्यटकों के आने जाने पर प्रतिबंध लगाकर चौकसी बढ़ा दी है। बार हैंडेड गीज प्रजाति के प्रवासी पक्षी साइबेरिया से आते हैं और झील में इनकी संख्या सबसे अधिक पाई जाती है। बार हैंडेड गीज एक शाकाहारी पक्षी है और इसे गेहूं व चने की कोंपलें बहुत पसंद हैं। झील क्षेत्र के आस पास गांवों में गेहूं व चने की फसल होने के कारण इनकी संख्या अधिक पाई जाती है।
पिछले साल की विभागीय गणना में पौंग झील में 103 प्रजातियों के एक लाख 15 हज़ार 701 प्रवासी पक्षी पहुंचे थे और सबसे अधिक 49496 बार हैंडेड गीज प्रजाति के प्रवासी पक्षियों ने दस्तक दी थी। इस बार पौंग झील में जनवरी में बर्ड फ्लू के कारण पांच हज़ार से भी ज्यादा बार हैंडेड गीज प्रजाति के पक्षियों की मौत हो गई। इस बार भी कुल एक लाख आठ हजार प्रवासी पक्षियों में बार हैंडेड गीज प्रजाति के सबसे अधिक 44 हज़ार प्रवासी पक्षी विभागीय गणना में पाए गए।
पौंग झील में मंगलवार को भी छह प्रवासी पक्षी मृत मिले। मृत प्रवासी पक्षियों की सैम्पल रिपोर्ट अभी नहीं आई है। बर्ड फ्लू की आशंका के कारण झील क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा कर विभागीय चौकसी बढ़ा दी गयी है।