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मंदिरों के बंद करने के निर्णय पर पुनर्विचार हो

संवाद सहयोगी ज्वालामुखी प्रदेश के मंदिरों को बंद करने के सरकार के निर्णय से ज्वालामुखी के

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 09:10 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 09:10 PM (IST)
मंदिरों के बंद करने के निर्णय पर पुनर्विचार हो
मंदिरों के बंद करने के निर्णय पर पुनर्विचार हो

संवाद सहयोगी, ज्वालामुखी : प्रदेश के मंदिरों को बंद करने के सरकार के निर्णय से ज्वालामुखी के व्यापारियों में रोष है। सरकार के निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए ज्वालामुखी व्यापार मंडल ने एसडीएम धनवीर ठाकुर के माध्यम से प्रधान अनीश सूद के नेतृत्व में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा है।

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अनीश सूद ने बताया कि धार्मिक स्थलों को बंद करने का निर्णय तर्कसंगत नहीं है। क्योंकि प्रदेश सरकार ने पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं लगाई है। इससे ज्वालामुखी क्षेत्र का व्यवसाय चौपट हो जाएगा व व्यापारी वर्ग, होटल व्यवसायी, दुकानों व होटलों में काम करने वाले कर्मचारी बेरोजगर हो जाएंगे। ज्वालामुखी के दुकानदारों की पूरी आजीविका मंदिर पर ही निर्भर करती है।

ज्वालामुखी के दुकानदार अनीश सूद, दीपक खोला, अंग्रेज सिंह, संदीप पप्पी, राजकुमार, सुनील कुमार, देवेंद्र कुमार व गोपाल सिंह ने कहा कि ज्वालामुखी एक ऐसा देवस्थल है जहां दुकानदार व रेहड़ी फड़ी वाले लोग श्रद्धालुओं से होने वाली आय पर ही निर्भर हैं। पिछले साल जब लॉकडाउन लगा था तब लोगों को दुकानें बंद करके दिहाड़ी लगाने पर मजबूर होना पड़ा था। सरकार सभी पहलुओं पर गौर करे और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मंदिरों को बंद न करे।

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मंदिर से अलग से बनाई जाए एसओपी

जागरण संवाद केंद्र, कांगड़ा : श्री बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा के पुजारी वर्ग व दुकानदारों ने सरकार से मांग की है कि मंदिर पूरी तरह से बंद न किए जाएं। पुजारी वर्ग के अध्यक्ष एवं मंदिर ट्रस्ट के सदस्य रामप्रसाद शर्मा ने कहा कि मंदिर के लिए अलग से मानक परिचालन प्रक्रिया सरकार को बनानी चाहिए ताकि माता की पिडी के दूर से दर्शन श्रद्धालु कर सकें। मंदिर के आसपास के दुकानदारों के साथ पूरे कांगड़ा शहर का व्यापार मंदिर पर निर्भर है। व्यापार मंडल कांगड़ा के महासचिव नरेंद्र त्रेहन ने कहा कि दुकानदारों व इसके साथ जुड़े लोगों की समस्या को देखते हुए मंदिर खोलने चाहिए।

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रोजी रोटी के पड़ जाएंगे लाले

संवाद सहयोगी, योल : श्री चामुंडा व्यापार मंडल ने मंदिरों को बंद करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है। चामुंडा व्यापार मंडल के प्रधान अमित मेहता की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंदिर बंद करने के निर्णय का विरोध जताया गया। अमित मेहता ने कहा कि इससे दुकानदारों को रोजी रोटी के लाले पड़ने लगेंगे, क्योंकि श्रद्धालुओं बलबूते पर इन लोगों के चुल्हे जलते हैं। मंदिर अधिकारी अपूर्व शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को मंदिर के कपाट बंद किए जा रहे हैं।


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