शांता कुमार की आत्मकथा: भाजपा को बुलंदियों तक पहुंचाने व खाद्य मंत्री पद से हटाए जाने का दर्द भी बयां
Shanta Kumar Autobiography भारतीय जनता पार्टी में वरिष्ठता आधार पर दूसरे पायदान पर रहे शांता कुमार ने अपनी आत्मकथा निज पथ का अविचल पंथी का दिल्ली में विमोचन करवाया। अब यह किताब आम आदमी तक पहुंच सकेगी। उन्हाेंने छह दशकाें की राजनीति का बेबाकी से वर्णन किया है।
पालमपुर, कुलदीप राणा। Shanta Kumar Autobiography, भारतीय जनता पार्टी में वरिष्ठता आधार पर दूसरे पायदान पर रहे शांता कुमार ने अपनी आत्मकथा निज पथ का अविचल पंथी का दिल्ली में विमोचन करवाया। अब यह किताब आम आदमी तक पहुंच सकेगी। बताैर साहित्यकार विभिन्न विषयाें पर 25 पुस्तकाें का प्रकाशन करवा चुके शांता कुमार की नई पुस्तक, निज पथ का अविचल पंथी, में लगभग 600 पृष्ठाें में शांता कुमार ने अपने जीवन की पूरी आत्मकथा शामिल की है। इसमें उन्हाेंने अपने बचपन से लेकर छह दशकाें की राजनीति में घटित हर बात का बेबाकी से वर्णन किया है। बताया जा रहा है कि नई किताब में शांता ने साठ सालों के राजनीतिक उतार चढ़ाव में पत्नी स्वर्गीय संतोष शैलजा के सहयोग का भी जिक्र किया है तथा जेल में काटे समय में पत्नी के सहयाेग काे विशेषता से शामिल किया है। शांता कुमार की इस पुस्तक काे पत्नी संताेष शैलजा काे श्रद्धांजलि के रूप में भी देखा जा रहा है।
उन्हाेंने पुस्तक में यह तक जिक्र किया है कि पार्टी में हाशिये पर लाने के प्रयास में संलिप्त नेताओं काे भी पुस्तक में स्थान दिया गया है। इसमें उन्हाेंने अपनी बचपन की यादाें काे पिराेते हुए लिखा है कि पिता के अचानक स्वर्गवास के बाद जब परिवार का भार माता जी के कंधाें पर आया ताे उन्हाेंने बड़ा हाेकर माता की हर मांग काे पूरा करने का प्रण लिया था। इसमें आटा चक्की से लेकर जंगल में लकड़ी लाने तक के सफर काे भी बखूबी स्थान प्रदान किया है।
बेबाकी से राष्ट्रीय स्वयं सेवक से लेकर प्रदेश में भाजपा को बुलंदियों पर पहुंचाने का तक का जिक्र विद्यमान है ताे 1992 में बाबरी मस्जिद ध्वंस्त के बाद सरकार टूटने और विधानसभा में हार केे बाद के दिनाें काे शामिल किया गया है। पुस्तक में शांता कुमार ने आंत्योदय परिवाराें की साेच, और काम नहीं वेतन नहीं, के बाद देश की बदली स्थिति काे भी बखूबी लिखा है। यहां तक कि खाद्य मंत्री के पद से हटाए जाने और सच्चाई की सजा पाने काे भी स्थान दिया है।
शांता कुमार ने नाहन जेल में बिताए 19 माह के दाैरान पत्नी संताेष शैलजा के पत्राें से मिले साहस और प्राेत्साहन काे भी शब्दाें में पिराेया है। बताया जा रहा है कि पुस्तक लिखने में शांता कुमार ने पूरा एक वर्ष का समय दिया है तथा इसमें पत्नी संताेष शैलजा का भी महत्वपूर्ण याेगादन है। मंगलवार काे दिल्ली में वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल व अन्य सहयाेगियाें की उपस्थिति में शांता कुमार की पुस्तक निज पथ का अविचल पंथी का विमाेचन हुआ।