आरोप, बिना जन सहमति बना दी शाहपुर नगर पंचायत : पटियाल
संवाद सूत्र शाहपुर शाहपुर को नगर पंचायत बनाने से पहले उपमंडल प्रशासन ने जनता से विचार
संवाद सूत्र, शाहपुर : शाहपुर को नगर पंचायत बनाने से पहले उपमंडल प्रशासन ने जनता से विचार विमर्श नहीं किया है। आनन-फानन में नगर पंचायत का पुनर्सीमांकन किया गया है। यही नहीं वार्डों का आरक्षण भी सही नहीं हुआ है। ये आरोप शाहपुर के राजीव पटियाल ने सोमवार को जारी प्रेस बयान में लगाए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन की ओर से जारी की गई पहली अधिसूचना में शाहपुर की जनसंख्या 2011 की जनगणना के तहत 5728 दर्शाई गई थी। उसके बाद दोबारा जारी की गई अधिसूचना में 5283 जनसंख्या दिखाई गई और प्रस्ताव उपायुक्त कांगड़ा को भेजा गया। यही नहीं वार्डों का पुनर्सीमांकन भी गलत तरीके से कर सीटें आरक्षित कर दी हैं। कुछ वार्डों में अकारण अनुसूचित जनजाति के परिवारों को शामिल कर चुनाव के लिए सीटें आरक्षित कर दीं। वार्ड चार में एसटी का एक भी परिवार नहीं है, लेकिन अब 11 परिवार दिखाकर आरक्षित कर दिया है। उन्होंने कहा कि शाहपुर के सामान्य वर्ग के लिए सिर्फ 14 फीसद सीटें ही छोड़ी हैं। इसके विपरीत नगर पंचायत चुवाड़ी में 57 फीसद व जवाली नगर पंचायत में 33 फीसद प्रावधान है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाया कि नगर पंचायत को लेकर उपायुक्त कांगड़ा के पास गलत तथ्य पेश किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप आज यह स्थिति है। उन्होंने उपायुक्त कांगड़ा से मांग की है कि वह खुद नगर पंचायत शाहपुर का दौरा कर आकलन कर पुनर्विचार करें। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं किया तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। उधर एसडीएम शाहपुर मुराली लाल ने बताया कि नियमों के अनुसार ही नगर पंचायत का पुनर्सीमांकन किया गया है। आरक्षण भी नियमों के अनुसार ही हुआ है। उन्होंने कहा कि उनके स्तर पर कोई भी गलत आंकड़ा जिला प्रशासन को नहीं सौंपा गया है।