अपहरण व दुष्कर्म के दोषी को सात साल का कठोर कारावास, शातिर मंडी से भगाकर ले गया था गुजरात
Strict Imprisonment विशेष पोक्सो अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के दोषी को सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
मंडी, जागरण संवाददाता। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी अपर्णा शर्मा की विशेष पोक्सो अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के दोषी को सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। बकौल, जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम, पीडि़ता पहली मई 2016 को सुबह 11 बजे अपनी सहेली से मिलने उसके घर गई थी, मगर शाम तक घर वापस नहीं लौटी थी। पीडि़ता की तलाश उसके रिश्तेदारों के घर और आसपास की गई। उसका कहीं कोई सुराग नहीं लगा था। पीडि़ता के माता-पिता ने दो मई को पुलिस थाना सुंदरनगर जाकर अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। केस दर्ज होने के बाद मामले की प्रारंभिक छानबीन तत्कालीन थाना प्रभारी सुंदरनगर साक्षी वर्मा (आइपीएस प्रोबेशनर) ने की थी। उनके बाद इस मामले की छानबीन मुख्य आरक्षी टेकचंद व उपनिरीक्षक विजय कुमार ने अमल में लाई थी।
पीडि़ता की स्कूल की कॉपी पर एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ मिला था। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने पीडि़ता की बरामदगी गांधीधाम (गुजरात) से की थी। उस समय दोषी भी पीडि़ता के साथ ही था। छानबीन में यह बात सामने आई थी दोषी ने पीडि़ता को बहला फुसला कर पहले मंडी बस स्टैंड बुलाया था। उसके बाद धोखे से अपने साथ दिल्ली होते हुए गुजरात ले गया। दोषी से मंडी से दिल्ली के 2 बस टिकट व पीडि़ता की बरामदगी वाली जगह से दिल्ली से गुजरात तक के 2 फटे हुए रेल टिकट भी बरामद हुए थे।
पुलिस ने आरोपित हरिओम निवासी फतेहनगर डाकघर मीरागाशी तहसील एवं जिला कासगंज (उत्तर प्रदेश ) को आठ मई को गिरफ्तार किया था। मामले की छानबीन के बाद सुंदरनगर पुलिस ने अदालत में चालान पेश किया था। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की प्रारंभिक पैरवी तत्कालीन जिला न्यायवादी मंडी भीमानंद शांडिल ने की थी। तत्पश्चात मामले की पैरवी जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम, उप जिला न्यायवादी सुरेश कुमार (विधि अधिकारी) पुलिस अधीक्षक कार्यालय मंडी ने भी की थी। इस मामले में सुरेश कुमार ने लिखित दलीलें अदालत के समक्ष पेश की। अभियोजन पक्ष ने आरोप सिद्ध करने के लिए 19 गवाहों के बयान अदालत में कलमबद्ध करवाए थे।
अदालत ने आरोपित को गत दिनों दोषी करार दिया था। वीरवार को अपने फैसले में अदालत ने अपहरण करने पर दो साल का कठोर कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना, शादी का झांसा देकर भगा ले जाने पर 5 साल का कठोर कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना तथा दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर 7 साल का कठोर कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना एवं पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत 7 साल का कठोर कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने पीडि़ता को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से 6 लाख रुपये बतौर मुआवजा राशि देने के आदेश भी दिए हैं।