कांगड़ा की यह संस्था बनी कोविड संकट में सहारा, अस्पताल में पहुंचा रही खाना, एक या दो नहीं जुड़े सैकड़ों स्वयंसेवी
Seva Bharati Sanstha कोविड महामारी के दौर में मुश्किल दौर में कांगड़ा सेवा भारती हर जरूरतमंद के लिए सहारा बनी है। समाज सेवा के लिए कांगड़ा सेवा भारती पहले से ही अग्रणी भूमिका निभा रही थी अब कोविड-19 काल में एक उदाहरण बनकर सामने आई है।
धर्मशाला, नीरज व्यास। कोविड महामारी के दौर में मुश्किल दौर में कांगड़ा सेवा भारती हर जरूरतमंद के लिए सहारा बनी है। समाज सेवा के लिए कांगड़ा सेवा भारती पहले से ही अग्रणी भूमिका निभा रही थी, अब कोविड-19 काल में एक उदाहरण बनकर सामने आई है। हर जरूरतमंद तक पहुंच कर उनके लिए सुविधाएं जुटा रहे सेवा भारती के स्वयंसेवियों व संस्था को हर तरफ सराहना मिल रही है। वहीं संस्था अपने सिद्धांतों पर खरा उतरते हुए निरंतर मानवता की सेवा में जुटी है और नर सेवा नारायण सेवा को पूरा कर रही है। तीमारदारों व कोविड-19 संक्रमित परिवारों तक भोजन पहुंचाना हो या मरीजों तक ऑक्सीजन, ऑक्सीमीटर या अन्य सुविधाएं संस्था ने फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर काम कर सेवा की है।
सेवा भारती के पास पहले से चार ऑक्सीन कंसट्रेटर थे। आठ ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर अपने साधनों से खरीद कर स्टॉक 12 तक पहुंचाया। इस बीच राष्ट्रीय सेवा भारती की सहायता से ऑक्सीजन कंसट्रेटर की संख्या 20 हो गई। इनमें से 17 ऑक्सीजन कंसट्रेटर उन लोगों को दिए गए हैं जो घर पर रह कर साफ़ सुथरे वातावरण में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इसके अलावा बाकी तीन इमरजेंसी के लिए रखे गए हैं।
हर परेशान के लिए मददगार बने सेवाभारती के कर्मठ
कोरोना महामारी ने पग-पग पर समाज के सामने मुश्किलें खड़ी की हैं। कोविड-19 संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार हो या परिवारों के भोजन की व्यवस्था। उखड़ रही सांसों तक ऑक्सीजन पहुंचाने की जद्दोजहद या फिर सरकारी अस्पतालों के पास भटकते मरीजों के परिजनों की भूख व बेबसी, हर मुश्किल घड़ी में समाज को उसके साथ खड़े मिले हैं सेवा भारती के कर्मठ सेवार्थी।
टांडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डटे रहे स्वयंसेवी
प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल टांडा में करोना पीड़ित मरीजों के तीमारदारों को आई मुश्किलों व उनके निवारण के लिए सेवा भारती के स्वयंसेवकों ने नर सेवा नारायण सेवा के लक्ष्य को सामने रख कर कार्य किया। हर जरूरतमंद की मदद की।
इस तरह से चला सेवा का कार्य
कोविड-19 महामारी में सेवा भारती की ओर से लोगों में मास्क बांटे गए, सैनिटाइजर बांटे गए, काढ़े के पैकेट बांटकर जन जागरण अभियान भी चलाया गया। सार्वजनिक स्थलों जैसे अस्पताल, कार्यालय व कोऑपरेटिव सोसायटी जहां लोगों की ज्यादा आवाजाही रहती थी, वहां 12 स्वचालित सैनिटाइजर मशीनें लगवाई गईं। कोविड-19 वैक्सीन लगाने के समय सिविल अस्पताल कांगड़ा के एसएमओ के आग्रह पर लोगों के बैठने के लिए 20 कुर्सियां देकर सहायता प्रदान की। कोविड-19 के चलते वर्ष 2020 में ही जोनल अस्पताल धर्मशाला के प्रशासन के आग्रह पर कोरोना पीड़ित मरीजों को प्रतिदिन तीन महीने फल वितरित कर के सहायता प्रदान की। जरूरतमंद लोगों को व अन्य राज्यों के परिवारों को राशन उपलब्ध करवाया।
11 मई से रात्रि भोजन सुविधा 50 पैकेट से आरंभ की
कोविड_19 के द्वितीय चरण में हिमाचल प्रदेश में भी स्थिति काफी नाज़ुक हो गई। सरकार को करोना चेन तोड़ने के लिए करोना कर्फ्यू लगाना पड़ा। बाज़ार, होटल, बसें ब ढाबे इत्यादि बंद होने के कारण टांडा अस्पताल जो कोरोना के मरीजों से पूरी तरह भर चुका था। ऐसे में मरीजों के तीमारदारों को खाने पीने की काफी कठिनाई होने लगी। मामला सेवा भारती के ध्यान में आने पर सेवा भारती से मिल कर 11 मई रात्रि भोजन के 50 पैकेट से सेवा आरंभ की। यह सेवा 11 मई से आरंभ होकर आज की तारीख में प्रति दिन 140 से 150 पैकेट सुबह नाश्ते में व प्रतिदिन 230 से 240 पैकेट रात्रि भोजन मरीजों के तीमारदारों को दिए जा रहे हैं। इसमें बहुत से अन्य समाजसेवियों का सहयोग भी मिल रहा है। इस सेवा को 30 जून तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
स्वयंसेवियों के सहयोग से जारी है सेवा का कार्य
सेवा भारती के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि सेवा का कार्य जारी है। स्वयंसेवी विभिन्न तरह से कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रहे हैं। आगे भी जो आवश्यकता है उस तरह से सेवा का कार्य जारी रहेगा। उन्होंने कोविड-19 काल में देखा कि जब होटल ढाबे बंद हैं तो तीमारदारों को खाने की परेशानी हो रही है, तो भोजन की व्यवस्था की। संस्था के महासचिव ओम प्रकाश, कोषाध्यक्ष जोगेंद्र सिंह राणा, उपाध्यक्ष करतार सिंह डढवाल, मुनत्रिवेदी, रमेश भरमौरी, नीतू दामीर, हेम राज कवीर आदि सैकड़ों लोग संस्था के साथ जुड़कर सेवा कर रहे हैं।