Move to Jagran APP

समुद्री सीमा का प्रहरी सुशांत बना पर्यावरण का संरक्षक

सुशांत नौसेना में 15 साल सेवाएं देने के बाद अब देहरा के गरली गांव में लोगों को स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। नौकरी के बाद वह गांव में पहुंचे तो गंदगी देखकर काफी दुखी हुए। उन्होंने गांव को स्वच्छ रखने का बीड़ा उठाया और इस काम में जुट गए।

By Virender KumarEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 07:44 AM (IST)
समुद्री सीमा का प्रहरी सुशांत बना पर्यावरण का संरक्षक
धरोहर गरली गांव में लोगों को स्वच्छता का संदेश देने वाले सुशांत। जागरण

ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। मन में कुछ करने का जज्बा और दृढ़ संकल्प हो तो कोई काम मुश्किल नहीं होता है। सुशांत नौसेना में 15 साल सेवाएं देने के बाद अब देहरा उपमंडल के धरोहर गरली गांव में लोगों को स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। नौकरी के बाद वह गांव में पहुंचे तो गंदगी देखकर काफी दुखी हुए। उन्होंने गांव को स्वच्छ रखने का बीड़ा उठाया और इस काम में जुट गए। उन्होंने कूड़ा उठाने के लिए गाड़ी और दो सफाई कर्मचारी भी रखे हैैं। इन्हें 10 माह तक अपनी जेब से पैसे दिए और लोगों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करते रहे। अब लोग व व्यापारी 6500 रुपये प्रति माह इकट्ठा कर रहे हैं और 2500 रुपये सुशांत दे रहे हैं।

loksabha election banner

स्वच्छता अभियान में हाथ बंटाते सुशांत के वालंटियर्स।

लाखों की कार बना दी कूड़ा उठाने वाली गाड़ी

तीन साल पहले सुशांत ने घर आने के बाद गांव में स्वच्छता के लिए काम करना शुरू किया। शुरू में कुछ दिक्कत आई, लेकिन लोगों के सहयोग से काम आसान हो गया। स्वच्छता अभियान से लोग प्रेरित हुए और उन्होंने सुशांत को साथ चलने का भरोसा दिया। दो माह पहले कूड़ा उठाने वाली गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसके बाद सुशांत अपनी लाखों रुपये की कार में कूड़ा उठाकर गांव में सफाई व्यवस्था रख रहे हैैं।

कूड़ा ले जाने के कार्य में लगाई कई कार।

यह भी उठाए कदम

धरोहर गांव गरली के लोगों ने सुशांत से पंचायत चुनाव लड़वाया और उपप्रधान बने। गांव में शव वाहन के लिए लोगों के सहयोग के बाद 50 हजार रुपये की कमी हुई तो सुशांत ने यह राशि अपनी जेब से दी। उन्होंने बाजार में शौचालय के निर्माण के लिए 1.27 लाख रुपये भी खर्च किए। बाजार से कूड़ा उठाने व शौचालय की सफाई के लिए सभी दुकानदार पैसे देकर सुशांत का सहयोग करते हैैं। गांव की गलियों से सुशांत ने 50 स्ट्रीट लाइट अपने खर्च से लगवाई हैैं। इनका बिल भी भरते हैं। उन्होंने स्ट्रीट लाइट स्वयं इंस्टाल की हैं। उन्होंने पांच आंगनबाड़ी केंद्रों में वाटर प्यूरीफायर भी लगवाए। महात्मा गांधी को आदर्श मानने वाले सुशांत की माता उर्मिला मौदगिल व डा. पत्नी दिशा मौदगिल भी समाजसेवा में उनका निरंतर साथ दे रही हैं।

कस्बे की सफाई के लिए अब तक लाखों रुपये खर्च कर चुके हैैं। सफाई कर्मियों के लिए अपने घर में रहने व खाने-पीने की व्यवस्था की है। इसके बदले उनसे कोई पैसा नहीं लेते हैैं।-सुशांत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.