बड़े अफसर तक पहुंची सीबीआइ जांच, छात्रवृत्ति घोटाले में शिमला में एक आला अफसर से घंटों पूछताछ
Scholarship Scam 250 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की आंच बड़े अधिकारियों तक पहुंच गई है।
शिमला, जेएनएन। 250 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की आंच बड़े अधिकारियों तक पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में राज्य सरकार के एक आला अधिकारी से मंगलवार को सीबीआई ने पूछताछ की है। जांच एजेंसी ने कई घंटों तक पूछताछ की है। हालांकि सीबीआइ प्रवक्ता आरके गौड़ के मुताबिक पूछताछ उनके संज्ञान में नहीं है। जिस अफसर से पूछताछ हुई है, वह शिक्षा विभाग में तैनात रहे हैं।
शिक्षा विभाग में करोड़ों के घोटाले में अब तक सीबीआई तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें शिक्षा विभाग के तत्कालीन अधीक्षक अरविंद राजटा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की नवांशहर शाखा के हेड कैशियर एसपी सिंह और ऊना के केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के वाइस चेयरमैन हितेश गांधी शामिल हैं।
जांच में शिक्षा विभाग के अधीक्षक अरविंद राजटा की भूमिका सबसे संदिग्ध रही। राजटा घोटाले के समय शिक्षा निदेशालय में उस सीट पर तैनात रहा है जहां से छात्रवृत्ति वितरण का काम संचालित होता था। इसके साथ ही कई उच्च अधिकारियों की भूमिका की भी सीबीआई जांच कर रही है।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल सरकार की सिफारिश पर सीबीआइ ने 9 मई 2019 को एफआइआर दर्ज की थी। इसके बाद हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 22 शैक्षणिक संस्थानों के ठिकानों पर छापे मारे गए। यह कार्रवाई हिमाचल में शिमला, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा और कांगड़ा के अलावा करनाल, मोहाली, नवांशहर, अंबाला और गुरदासपुर स्थित कई शैक्षणिक संस्थानों पर की गई। सीबीआइ ने बैंकों में भी छापामारी की थी।