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गगरेट के शिवबाड़ी मंदिर में शिव के जयघोष से हुआ सावन माह का आरंभ

उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शिवबाड़ी में सावन माह की सक्रांति को भगवान शिव के जयघोष से सावन माह का आरंभ हुआ। मान्यता के अनुसार इस माह को भगवान शिव का माह भी कहा जाता है और पूरे माह शिवभगत भगवान शिव का जलाभिषेक करवाते है

By Richa RanaEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 09:24 AM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 09:24 AM (IST)
गगरेट के शिवबाड़ी मंदिर में शिव के जयघोष से हुआ सावन माह का आरंभ
शिवबाड़ी में सावन माह की सक्रांति को भगवान शिव के जयघोष से सावन माह का आरंभ हुआ।

गगरेट, जागरण संवाददाता। उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शिवबाड़ी में सावन माह की सक्रांति को भगवान शिव के जयघोष से सावन माह का आरंभ हुआ। मान्यता के अनुसार इस माह को भगवान शिव का माह भी कहा जाता है और पूरे माह शिवभगत भगवान शिव का जलाभिषेक करवाते है लेकिन इस बार भी पिछले वर्ष की तरह कोविड नियमों के कारण मात्र शिवलिंग के दर्शनों के लिए मंदिर खुला है जलाभिषेक करने की इजाजत नहीं है।

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किंवदंती कथाओं के अनुसार ये शिवलिंग पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य की बेटी जज्याति ने स्थापित किया था। द्रोणाचार्य इस स्थान पर अपने ग्रहस्थ आश्रम के दौरान रहे है। ये स्थान द्रोणनगरी के नाम से भी प्रचलित है । स्थानीय लोगों इस शिवलिंग के आसपास के जंगल की लकड़ी को सिर्फ शव जलाने या फिर जहां स्थित धूने में जलाने के लिए प्रयोग करते है।

इस शिवलिंग के चारों कोणों पर श्मशान घाट है जिसका उल्लेख शास्त्रों में इस स्थान की पहचान के लिए भी किया गया है। कोविड के कारण वर्षों पुरानी जलाभिषेक की परपंरा तो टूटी ही साथ मे शिवभगतो के मन मे निराशा भी है कि उन्हें जलाभिषेक करने का मौका नहीं मिला। मंदिर के पुजारी अजय शर्मा ने बताया कि कोविड नियमों के पालन के कारण मंदिर सिर्फ दर्शनों के लिए खुला है इस बार जलाभिषेक करने की इजाजत नहीं है।


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