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बणी के शिव मंदिर के लिए संजय पराशर ने दी डेढ़ लाख रुपये की सहयोग राशि

सामाजिक सरोकारों की नई परिभाषा लिख रहे समाजसेवी नेशनल शिपिंग बोर्ड के सदस्य और शिपिंग कंपनी वीआर मेरीटाइम प्रा. लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कैप्टन संजय पराशर द्वारा क्षेत्र के मंदिरों के निर्माण व जीर्णोद्वार में योगदान का सिलसिला निरंतर जारी है।

By Richa RanaEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 03:30 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 03:30 PM (IST)
बणी के शिव मंदिर के लिए संजय पराशर ने दी डेढ़ लाख रुपये की सहयोग राशि
शिव मंदिर के लिए संजय पराशर ने डेढ़ लाख रुपये की सहयोग राशि दी है।

डाडासीबा,जेएनएन। सामाजिक सरोकारों की नई परिभाषा लिख रहे समाजसेवी, नेशनल शिपिंग बोर्ड के सदस्य और शिपिंग कंपनी वीआर मेरीटाइम प्रा. लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कैप्टन संजय पराशर द्वारा क्षेत्र के मंदिरों के निर्माण व जीर्णोद्वार में योगदान का सिलसिला निरंतर जारी है। इसी कड़ी में पराशर ने जसवां-परागपुर क्षेत्र की बणी पंचायत के प्राचीन शिव मंदिर के लिए भी व्यक्तिगत योगदान दिया है। पराशर के सहयोग से मंदिर के प्रांगण में वाॅल टाइल्स और ग्रेनाइट का कार्य चला हुआ है। मार्बल बिछने के बाद मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं। इतना ही नहीं पराशर द्वारा स्टेज और श्रद्धालुओं के बैठने की भी उचित व्यवस्था कर दी गई है।

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दंपति ने पूजा अर्चना के दौरान ली थी मंदिर विकास कार्यों के लिए सहयोग की जिम्मेदारी

मंदिर समिति के प्रधान संजीव शर्मा, उप प्रधान हरबंस लाल, सचिव राजिंदर राज व सदस्यों सुरेश कुमार, करनैल सिंह, अतुल कुमार, वीरेंद्र और सुधीर ने बताया कि गत दिनों में इस प्राचीन मंदिर में दर्शन करने के लिए संजय पराशर अपनी पत्नी सोनिका पराशर के साथ पहुंचे थे। सोनिका के मायके साथ लगते सेहरी गांव में हैं और वह बचपन से ही भगवान शिव के दर्शनों के लिए नियमित तौर पर हाजिरी परिवार के साथ भरती रही हैं। संयोग से उन दिनों मंदिर कमेटी के सहयोग से मंदिर के विस्तारीकरण का कार्य भी चला हुआ था। ऐसे में पराशर दंपति ने भी यथायोग्य सहयोग के बारे में पूछा तो मंदिर कमेटी के सदस्यों ने बताया कि टाइल्स और मार्बल बिछाने का कार्य अभी अधूरा है। संजय व सोनिका पराशर ने इस कार्य को करवाने का जिम्मा अपने पर ले लिया अौर खुद बाजार से मार्बल व वॉल टाइल्स और सीमेंट खरीद कर दिया। इस निर्माण कार्य पर डेढ़ लाख रूपये से ज्यादा का खर्च पराशर कर रहे हैं।

यह बोले संजय पराशर

संजय पराशर ने कहा कि हमारे गांव के यह प्राचीन मंदिर सनातन धर्म की आस्था व श्रद्धा के केंद्र हैं। विरासत में मिले इन पावन स्थलों का संरक्षण करना सभी का नैतिक दायित्व भी बनता है क्योंकि इनके ही बल पर हमारी भी विश्व भर में पहचान है। पराशर ने कहा कि ऐसे धार्मिक स्थल किसी भी क्षेत्र की के लिए गर्व का विषय होते हैं और ऐसे स्थानों के कारण ही आपस में भाईचारा भी बना रहता है। कहा कि किसी मंदिर या धार्मिक स्थान के जीर्णोद्वार के लिए अपनी कमाई से अंशदान करते रहते हैं ताकि अपनी स्मृद्ध संपदा से जुड़े रहें।

कमेटी प्रधान संजीव सहित मनु व निशा ने पराशर की सहयोग राशि पर आभार जताते हुए कहा कि पराशर अपने निजी संसाधनों से क्षेत्र के धार्मिक स्थलों के लिए बढ़-चढ़ कर योगदान कर रहे हैं। सनातन धर्म को ऐसी शख्सियतों की सख्त आवश्यकता है। कोरोनाकाल के दौरान पिछले वर्ष से ही पराशर क्षेत्र के मंदिरों के लिए सहयोग राशि देते रहे हैं। इसी वर्ष फरवरी में में श्रीराम मंदिर समपर्ण निधि में भी उन्होंने ग्यारह लाख रूपए का सहयेाग दिया है। उनके सहयोग से तलवाड़ा में बाबा विभूति राम की जन्म स्थली, स्वाणा के शिव मंदिर, जवाल के रविदार मंदिर और रिड़ी कुठेड़ा के बाबा सिद्ध चानो मंदिर का कार्य भी प्रगति पर है। दोदू राजपूतां के कुरियाल खेड़ा और भड़ोली जदीद के गोगा जाहरवीर मंदिर में भी पराशर ने क्रमश: एक लाख रूपये व पचास हजार रुपये का योगदान दिया है।


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