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अापने देखी नहीं होगी यह दाल पर पौष्टिकता से है भरपूर, विज्ञानी करेंगे शोध; संरक्षण भी होगा

Nutrient in Kalah dal कुल्लू में एक महिला ऐसी दाल के बीज लेकर पहुंची जिसके बारे में विज्ञानी भी नहीं जानते।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 09:42 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 02:00 PM (IST)
अापने देखी नहीं होगी यह दाल पर पौष्टिकता से है भरपूर, विज्ञानी करेंगे शोध; संरक्षण भी होगा
अापने देखी नहीं होगी यह दाल पर पौष्टिकता से है भरपूर, विज्ञानी करेंगे शोध; संरक्षण भी होगा

कुल्लू, दविंद्र ठाकुर। कुल्लू में एक महिला ऐसी दाल के बीज लेकर पहुंची, जिसके बारे में विज्ञानी भी नहीं जानते। भुंतर की दियार पंचायत में बीज संग्रहण प्रदर्शनी लगी थी। इसमें दूरदराज के गांव की महिला कलाह दाल का बीज लेकर पहुंची। इस दाल को देखकर विज्ञानी व कृषि विभाग के अधिकारी भी हैरान रह गए। अब विज्ञानी इन बीजों पर शोध कर दाल के पौष्टिक गुणों को परखेंगे। हिमाचल सरकार लुप्त हो रही फसलों के पुराने बीज को एकत्रित करने के लिए प्रदर्शनियां लगा रही है। इसी के तहत कुल्लू के दियार में प्रदर्शनी लगी थी। इसमें 108 प्रकार के दालों, सब्जियों व औषधीय पौधों के बीज आए। इन्हीं में कलाह दाल का बीज भी शामिल रहा।

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पूर्वज बताते थे, बहुत पौष्टिक है

बीज लेकर आई कमला देवी ने बताया कि उनका परिवार लंबे समय से इसकी खेती कर रहा है। इसे खाने के लिए ही उगाया जाता है, बेचते नहीं हैं। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि यह दाल लुप्त हो चुकी है। उनके पूर्वज इसे बेहद पौष्टिक बताते थे।

बाकी लोग भी करेंगे दाल की खेती

पंचायत प्रधान व जैव विविधिता समिति की अध्यक्ष मनोरमा ठाकुर ने बताया कि प्रदर्शनी में कलाह दाल का बीज आया है। यह पुरानी दालों में है। बाकी जगह भी इसकी खेती करेंगे।

पंचायत को मिले तीन लाख

पुरानी फसलों के बीजों के संरक्षण व अन्य बीज तैयार करने के लिए प्रदेश की कई पंचायतों को तीन-तीन लाख रुपये पुरस्कार के रूप में मिले हैं। इनमें कुल्लू की दियार पंचायत भी है।

कलाह दाल पर होगा शोध

प्रदेश सरकार ने पुरानी फसलों को पुनर्जीवित करने के लिए कार्यक्रम चलाया है। फसलों के बीज लोगों तक पहुंचा रहे हैं। दियार में कलाह दाल का बीज आया है, इस पर शोध किया जाएगा।  -डॉ. राजपाल शर्मा, उपनिदेशक कृषि विभाग कुल्लू

दियार में रविवार को पुरानी फसलों के बीज की प्रदर्शनी लगाई थी। इस दौरान कलाह का बीज भी आया। इस तरह की दाल का बीज पहली बार देखा है। इस पर शोध किया जाएगा। -डॉ. सरला सासनी, जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान, मौहल, कुल्लू।


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