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जिला कांगड़ा में निशानदेही और तकसीम के हजारों मामले लंबित, कानूनगो की कमी ने रोके राजस्‍व कार्य

Revenue Work जिला कांगड़ा में निशानदेही तकसीम के राजस्व कार्य लंबित चल रहे हैं। इसका मुख्य कारण 40 से ज्यादा कानूनगो के पद रिक्त होना है। सबसे बड़े जिला कांगडा़ में राजस्व कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए संबंधित पदों को भरा जाना जरूरी है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 11:56 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 11:56 AM (IST)
जिला कांगड़ा में निशानदेही और तकसीम के हजारों मामले लंबित, कानूनगो की कमी ने रोके राजस्‍व कार्य
जिला कांगड़ा में निशानदेही, तकसीम के राजस्व कार्य लंबित चल रहे हैं।

धर्मशाला, नीरज व्यास। जिला कांगड़ा में निशानदेही, तकसीम के राजस्व कार्य लंबित चल रहे हैं। इसका मुख्य कारण 40 से ज्यादा कानूनगो के पद रिक्त होना है। सबसे बड़े जिला कांगडा़ में राजस्व कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए संबंधित पदों को भरा जाना जरूरी है। लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। पटवारी भी वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति के लिए लाइन में हैं न तो पटवारियों की पदोन्नति की जा रही है और न ही नए कानूनगो भर्ती किए जा रहे हैं। इस कारण तकसीम सहित अन्य राजस्व कार्य लंबित पड़े हैं।

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जिला कांगड़ा में कुल 519 के करीब पटवारखाने हैं। यहां पर ग्रामीण राजस्व अधिकारी (पटवारी) बैठते हैं और राजस्व कार्यों को निपटाते हैं, जबकि कानूनगो की बात की जाए तो पांच पटवार खानों के लिए एक कानूनगो है। ऐसे में कानूनगो न होने के कारण एक स्थान के कानूनगो को दूसरे स्थान का चार्ज देकर काम चलाया जा रहा है। लेकिन इस सब में ह्रासमेंट तो जनता की ही हो रही है।

वर्तमान में 145 पटवार सर्कल हैं, जिनमें से 40 के करीब पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में कानूनगो के कार्य प्रभावित हो रहे हैं और जनता को भी परेशानी हो रही है। इसके लिए सरकार की ओर से व राजस्व विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जिस वजह से आम आदमी को परेशानी हो रही है।

जिला राजस्व अधिकारी ग्रिजेश चौहान ने बताया कि चालीस के करीब कानूनगो के पद रिक्त हैं, जिस बारे में उच्चाधिकारियों व विभाग से पत्राचार किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही यह पद भी सरकार की ओर से भर दिए जाएंगे।

पटवारी से कानूनगो पद में दी जाए राहत

पटवारी से कानूनगों पद पर पदोन्नति के लिए पटवारियों को राहत दी जाए। भर्ती पदोन्नति नियम संशोधन का लाभ पटवारी से कानूनगो पदोन्नति के लिए नहीं मिल पा रहा है। वर्ष 1992 के भर्ती पदोन्नति नियम पुराने थे। पटवारी से कानूनगो पदोन्नति के लिए। छह साल रेगुलर सर्विस या छह साल एडहोक सर्विस जरूरी थी। उस समय अनुबंध नहीं था। 2006 में भर्ती पदोन्नति नियमों में संशोधन किया गया पर 1992 के नियम नहीं बदले गए। अब अनुबंध के बाद के ही छह साल गिने जा रहे हैं। ऐसे में जो दस साल सेवा दे चुके हैं, उनके साथ अन्याय है। ऐसे में वन टाइम रिलेक्सेशन देकर पटवारियों को कानूनगो के पदों पर पदोन्नत किया जाएगा। जिला कांगड़ा में 53 ऐसे पटवारी है जिन्हें संशोधित नियमों का लाभ नहीं मिल रहा है। दस साल की सेवा पूरी करने पर भी पदोन्नत नहीं हो रहे हैं। जबकि जिला में 40 पद कानूनगो के रिक्त चल रहे हैं और निशानदेही व तकसीम के हजारों मामले पद रिक्त चल रहे हैं। अगर संबंधित पटवारियों को पदोन्नति दी जाती है तो इससे राजस्व विभाग के लंबित कार्य पूरे होंगे और जनता को भी लाभ होगा साथ ही वनटाइम रिलेक्सेशन से संबंधित पटवारी भी लाभांवित होंगे।


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