सेवानिवृत्त शिक्षा उपनिदेशक को पांचवीं बार रोजगार
प्रदेश सरकार सेवानिवृत्त शिक्षा उपनिदेशक पर खासी मेहरबान दिख रही है। शिमला जिला के सेवानिवृत्त शिक्षा उपनिदेशक (प्रारंभिक) को पांचवी बार दोबारा रोजगार दे दिया है। अवर सचिव शिक्षा कुलतार सिंह राणा की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
शिमला,जागरण संवाददाता। प्रदेश सरकार सेवानिवृत्त शिक्षा उपनिदेशक पर खासी मेहरबान दिख रही है। शिमला जिला के सेवानिवृत्त शिक्षा उपनिदेशक (प्रारंभिक) को पांचवी बार दोबारा रोजगार दे दिया है। अवर सचिव शिक्षा कुलतार सिंह राणा की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। यह पांचवा मौका है जब उपनिदेशक की दोबारा रोजगार की अवधि को बढ़ाया गया है।
यह आदेश उस समय जारी किए हैं, जब प्रधानाचार्य सरकार से उपनिदेशक के पद पर पदोन्नति मांग रहे हैं। प्रदेश सरकार ने पदोन्नति का पैनल बनाने की बजाय पुन: रोजगार के आदेश जारी किए हैं। सरकार के इस फैसले से शिक्षकों में खासा रोष व्याप्त है। भागचंद चौहान शिक्षा उपनिदेशक शिमला के पद पर कार्यरत थे। 29 फरवरी, 2020 को वह सेवानिवृत्त हुए। सरकार ने तीन मार्च को सबसे पहले उन्हें सेवाविस्तार दिया था। 11 सितंबर और 21 दिसंबर, 2020 को उनका कार्यकाल फिर बढ़ाया गया। सरकार ने अब दोबारा उन्हें 31 दिसंबर तक पुन: रोजगार के आदेश जारी किए। अब पहली जनवरी से 30 जून तक दोबारा रोजगार के आदेश हुए हैं।
अशोक शर्मा संभाल रहे थे जिम्मेदारी
पहली जनवरी को यह पद खाली हो गया था। सरकार ने इस पर स्थायी नियुक्ति करने की बजाय शिक्षा उपनिदेशक (उच्चतर) अशोक शर्मा को अतिरिक्त कार्यभार दिया था। अब बैकडेट से ही यह आदेश जारी कर दिए हैं।
विपक्ष में रहते सेवाविस्तार और दोबारा रोजगार का विरोध करती थी भाजपा
कांग्रेस सरकार में भी कई कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवाविस्तार और दोबारा रोजगार दिया गया था। विपक्ष में रहते हुए भाजपा इसका विरोध करती थी। भाजपा का आरोप था कि यह बेरोजगार और सेवारत कर्मचारियों के साथ अन्याय है। ऐसा करने से जहां कर्मचारी पदोन्नति से वंचित रहते हैं, वहीं बेरोजगारों के साथ भी धोखा है। सत्ता में आने के बाद भाजपा खुद इसी रास्ते पर चल रही है।