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गैर शिक्षक कर्मचारियों और छात्र नेताओं को राहत

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला की कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में गैर शिक्षक कर्मचारियों को राहत दी है। बैठक में सहायक कुलसचिव पद के भर्ती मामले पर चर्चा करने के बाद तीन सदस्यीय रिव्यू कमेटी का गठन किया। कमेटी इस मामले पर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से सुझाव लेगी।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 11:07 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 11:07 PM (IST)
गैर शिक्षक कर्मचारियों और छात्र नेताओं को राहत
गैर शिक्षक कर्मचारियों और छात्र नेताओं को राहत। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला की कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में गैर शिक्षक कर्मचारियों को राहत दी है। बैठक में सहायक कुलसचिव पद के भर्ती मामले पर चर्चा करने के बाद तीन सदस्यीय रिव्यू कमेटी का गठन किया। कमेटी इस मामले पर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से सुझाव लेगी। इसके बाद कमेटी की रिपोर्ट परिषद के समक्ष रखी जानी है। शनिवार को कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार की अध्यक्षता में यह बैठक हुई।

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कर्मचारी सहायक कुलसचिव के 10 पद पदोन्नति के माध्यम से भरने की मांग कर रहे हैं। बैठक में शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती के लिए विज्ञापनों को छह माह के लिए विस्तार की अनुमति दी। इस स्वीकृति के बाद पूर्व में विज्ञापित पदों को दोबारा से विज्ञापित किया जाएगा। कर्मचारियों के 274 पदों को भरने के लिए विश्वविद्यालय ने पूर्व में विज्ञापन जारी किया था। बैठक में विश्वविद्यालय में नए सृजित शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों के पदों पर रोस्टर का पालन करते हुए विज्ञापित करने की भी अनुमति दी। वित्त समिति व अकादमिक परिषद की सिफारिशों को अनुमोदन प्रदान किया। सूत्रों के अनुसार बैठक में अनुशासनहीनता के मामले में निष्कासित विद्यार्थियों को बहाल करने का मामला भी उठा और इस पर कुछ शर्तों के साथ निष्कासन वापस लेने की अनुशंसा की गई। बैठक में बिलासपुर के नम्होल स्थित कामधेनु दुग्ध उत्पाद केंद्र के माध्यम से जलपान व कैंटीन बाजार से कम मूल्य पर 10 साल के लिए खोलने के लिए भी अनुमति प्रदान की।

दिव्यांग विद्यार्थियों को मिलेगा मुफ्त हास्टल

दिव्यांग विद्याॢथयों को विश्वविद्यालय में निश्शुल्क हास्टल सुविधा मिलेगी। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर नेे 16 नवंबर को यह निर्देश दिए थे। इसके बाद इस मामले को ईसी के समक्ष पेश किया और अब इसे स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों के अनुसार हर विभाग में पीएचडी के लिए अन्य सीटों के अलावा अतिरिक्त सीटें उपलब्ध करने की स्वीकृति दी। बैठक में केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी बंसल की ईओएल को स्वीकृति प्रदान की, विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा केंद्र को यूजीसी के मुक्त दूरवर्ती अध्ययन पाठयक्रम के मानकों को अपनाने के लिए स्वीकृति प्रदान की। अकादमिक परिषद की स्थायी समिति की सिफारिशों को विश्वविद्यालय के गणित विभाग में भारतीय गणित केंद्र के दो कोर्स के साथ इसी सत्र से शुरू करने की अनुमति प्रदान की। वित्त संबंधी मामलों के निपटारे के लिए विश्वविद्यालय के पूर्व वित्त अधिकारी ज्ञान चंद रायटा को छह महीने के लिए नियुक्त करने की अनुमति दी।

शिक्षकों के बच्चों को प्रवेश का मामला भी उठा

बैठक में पीएचडी में बिना परीक्षा प्रवेश देने का मामला भी उठा। इस पर कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने विस्तार में मामले को लेकर जवाब दिया और स्थिति स्पष्ट की। कुलपति ने सदस्यों को जानकारी दी गई कि इससे संबंधित जानकारी वेबसाइट पर भी उपलब्ध करवाई थी।

कर्मचारियों व विद्यार्थियों ने किया प्रदर्शन

कार्यकारी परिषद की बैठक के दौरान गैर शिक्षक कर्मचारी व छात्र बाहर आंदोलन कर रहे थे। कर्मचारी मांग कर रहे थे कि सहायक कुलसचिव की सीधी भर्ती को खत्म किया जाए। इस पर फैसला भी हो गया। वहीं छात्र संगठनों ने परिषद सदस्यों को ज्ञापन सौंपे। छात्र संगठनों ने नए छात्रावास निर्माण, नौकरियों व पीएचडी में प्रवेश का मामला उठाया। गैर शिक्षक कर्मचारी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की भी मांग की। लंबे समय से यह प्रक्रिया रुकी है।


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