क्षेत्रीय प्रबंधक ने की थी प्रारंभिक जांच, न चार्जशीट किए न सस्पेंड
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के पालमपुर डिपो में लाखों रुपये के गड़बड़झाले की प्रारंभिक जांच क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) ने की थी। जांच में आरोपितों के खिलाफ सुबूत भी मिले बावजूद इसके न तो किसी को चार्जशीट किया और न ही सस्पेंड।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के पालमपुर डिपो में लाखों रुपये के गड़बड़झाले की प्रारंभिक जांच क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) ने की थी। जांच में आरोपितों के खिलाफ सुबूत भी मिले, बावजूद इसके न तो किसी को चार्जशीट किया और न ही सस्पेंड। मामला प्रबंध निदेशक(एमडी)के संज्ञान में न आया होता तो कोई भी कार्रवाई न होती। उस सूरत में आरोपितों को क्लीन चिट मिल जाती। मौजूदा आरएम ने भी माना कि आरोपितों के खिलाफ ऐसे सुबूत हैं, जिन्हें झुठलाया नहीं जा सकता है। घोटाले के तौर तरीकों से वह भी हैरान हैं, लेकिन आरोपियों पर तत्काल कार्रवाई न कर उन्होंने सवाल खड़े करने की गुंजाइश छोड़ दी।
कई आरएम तक आ सकती है जांच की आंच
निगम प्रबंधन अब पूरे मामले की विशेष जांच कमेटी से जांच करवाने के बारे में गंभीरता से विचार कर रहा है। अगर नए सिरे से जांच हुई तो इसकी आंच दो से तीन क्षेत्रीय प्रबंधकों पर आ सकती है। ऐसा चंबा, देहरा में सामने आए घोटाले में हो चुका है। चालकों, परिचालकों के एरियर के पैसे डकारने वाले मामले में दोनों जगह आरएम भी सस्पेंड किए गए थे।
प्रारंभिक जांच के बाद करवाया आडिट
कैशियर चालकों, परिचालकों के एरियर सहित अन्य मदों का पैसा अपने बैंक खातों में ट्रांसफर किया और इसे डकार गए। बैंक खातों की पूरी जांच- पड़ताल की गई। प्रारंभिक जांच के बाद आडिट करवाया गया। हालांकि यह लोकल आडिट था। निगम के कर्मचारी संगठन मांग कर रहे हैं पूरे घोटाले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
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जब चंबा में घपला हुआ था, तब अपने स्तर पर जांच करवाई। गबन के तरीके से हैरान हो गया। ऐसा इरादतन किया या जानबूझ कर इसका विभागीय जांच से पता चल सकेगा। मेरी न तो कोई संलिप्तता रही है और न ही किसी प्रकार का कोई संरक्षण प्रदान किया गया। कर्मचारी यूनियन के आरोप गलत है। एक आरोपित पहले किसी मामले में चार्जशीट हुआ है। अब दोबारा आफेंस किया है।
-उत्तम चंद, क्षेत्रीय प्रबंधक, पालमपुर डिपो, एचआरटीसी।