पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के कहने पर वायरल हुआ था स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ पत्र, इस तरह उजागर हुआ मामला
स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में तीन माह पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।
धर्मशाला, जेएनएन। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में तीन माह पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के कहने पर ही मनोज मसंद ने पत्र वायरल किया था। इस मामले में भाजपा में ही नहीं, कांग्रेस में भी बवाल हुआ था और रविंद्र रवि को सफाई देनी पड़ी थी। पत्र, रविंद्र रवि और मनोज मसंद के मोबाइल फोन की जांच से खुलासा हुआ है कि मनोज ने वायरल करने से पहले रवि से बातचीत की थी और उन्होंने इस संबंध में सहमति जताई थी।
इस संबंध में खुलासा होने के बाद खुद को पाक साफ करार देने वाले रवि की मुश्किलें और बढ़ गई हैं क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री ने इस संबंध में मानहानि का केस दर्ज करवाया है। हालांकि केस अभी तक मनोज मसंद के खिलाफ ही दर्ज हुआ है, लेकिन रवि भी लपेटे में आ गए हैं। भाजपा का पत्र बम विपक्ष के लिए आरोपों का आधार रहा था व विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था। हालांकि विपक्ष का यह मुद्दा सफल नहीं हो पाया था।
यह था मामला
तीन सितंबर, 2019 की रात को मनोज मसंद ने फेसबुक प्रोफाइल में एक पोस्ट अपडेट की थी। इसमें स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता दिलबाग ङ्क्षसह ने झूठी पोस्ट से विपिन परमार के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली अफवाहें फैलाने का षड्यंत्र रचने का केस मनोज मसंद के खिलाफ दर्ज करवाया था।
सरकार के दबाव में पुलिस ने यह कार्रवाई की है। तीन माह पहले ही पुलिस तुरंत जांच करनी चाहिए थी। -रविंद्र रवि, पूर्व मंत्री।
फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अब मामले की छानबीन करेगी। -विमुक्त रंजन, पुलिस अधीक्षक कांगड़ा
जांच के बाद ही प्रतिक्रिया
इस मामले में पूर्व सांसद शांता कुमार व स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने किसी भी टिप्पणी से इन्कार किया है। दोनों नेताओं ने कहा कि पुलिस जांच पूरी होने के बाद ही वे प्रतिक्रिया देंगे।